नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज पहली पुण्यतिथि है। आज से ठीक एक साल पहले 16 अगस्त को वो दुनिया से चले गए लेकिन उनकी मौजूदगी आज भी इस देश का जर्रा जर्रा महसूस कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भारतीय जनता पार्टी के कई वरिष्ठ नेता अटल जी की पुण्यतिथि पर आज 'सदैव अटल' पर प्रार्थना सभा में शामिल होकर श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम मोदी के अलावा राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, गृह मंत्री अमित शाह और वाजपेयी के परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों ने भजन और भक्ति संगीत के बीच दिवंगत भाजपा नेता को श्रद्धांजलि दी।
सदैव अटल स्मारक पिछले साल दिसंबर में राष्ट्र को समर्पित किया गया था। इसके मध्य में काले रंग के ग्रेनाइट पत्थर से वाजपेयी की समाधि बनाई गई है और बीच में एक दीया रखा गया है। हवा से बचाने के लिए इस दीये को थोड़ी ऊंचाई पर ढक दिया गया है। भाजपा में उदार छवि के नेता समझे जाने वाले वाजपेयी सबसे पहले 1996 में प्रधानमंत्री बने। हालांकि उनकी सरकार महज 13 दिन तक चली। इसके बाद वह 1998 में वह दूसरी बार प्रधानमंत्री बने लेकिन उनकी वह सरकार 13 महीनों तक ही चली। आखिरकार 1999 में राजग एक बार फिर सत्तासीन हुई और वाजपेयी ने अपना कार्यकाल पूरा किया।
अविवाहित रहे वाजपेयी 1957 में पहली बार उत्तर प्रदेश के बलरामपुर से लोकसभा के लिए चुने गए। संसद में उनके पहले भाषण से उनके साथियों और सहयोगियों के साथ-साथ प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने एक विदेशी अतिथि से वाजपेयी का परिचय कुछ इस प्रकार कराया था-‘‘एक दिन यह युवक देश का प्रधानमंत्री बनेगा।’’ वह 47 साल तक सांसद रहे। वह दस बार लोकसभा और दो बार राज्यसभा के सदस्य रहे।
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