नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के रीवा में स्थापित एशिया की सबसे बड़ी सौर उर्जा परियोजना को दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए राष्ट्र को समर्पित किया। इस परियोजना में 250 मेगावाट क्षमता की तीन ईकाईयां है। उन्होंने परियोजना राष्ट्र को समर्पित करते हुए कहा कि रीवा की पहचान पहले नर्मदा नदी और सफेद बाघ के कारण थी, मगर अब सौर उर्जा के संयंत्र के कारण होगी। इसके साथ ही राज्य में अन्य परियोजनाओं के शुरू होने से मध्य प्रदेश सस्ती और साफ सुथरी बिजली का हब बन जाएगा। इससे किसान, गरीब और मध्यम वर्ग को सस्ती बिजली मिलेगी।
उन्होंने कहा कि सौर उर्जा आने वाली सदी की उर्जा का बड़ा मध्यम बनने वाली है। यह उर्जा श्योर, प्योर व सिक्योर भी है। आत्म निर्भर भारत के लिए बिजली की आत्म निर्भरता आवश्यक है। इसमें सौर उर्जा बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाली है।
यह सौर उर्जा परियोजना की क्षमता 750 मेगावाट है। इसमे तीन इकाईयां 250-250 मेगावाट की है। इस परियोजना की 24 प्रतिशत बिजली दिल्ली मैटो को दी जाएगी। यह एशिया की सबसे बड़ी सौर उर्जा परियोजना है। इस परियोजना का प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली से वर्चुअल लोकार्पण किया।
इस परियोजना में स्थित सौर पार्क (कुल क्षेत्रफल 1500 हेक्टेयर) के अंदर 250 मेगावट की तीन सौर इकाइयां स्थित हैं। प्रत्येक इकाई 500 हेक्टेयर भूमि पर स्थापित है। सौर पार्क को मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम मर्यादित तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम सोलर एनर्जी कॉपोर्रेशन अफ इण्डिया की संयुक्त कम्पनी रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड (आरयूएमएसएल) द्वारा विकसित किया गया है।
पार्क को विकसित करने के लिये आरयूएमएसएल को केन्द्र से 138 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। पार्क को विकसित करने के उपरांत महेन्द्रा रिन्यूएबल्स प्रायवेट लिमिटेड, एसीएमई जयपुर सोलर पवर प्रा़ लि़ और आरिन्सन क्लीन एनर्जी प्रा़लिक को रिवर्स ऑक्शन द्वारा इस पार्क में 250-250 मेगावट की तीन सोलर उत्पादन इकाइयों को विकसित करने के लिये चुना गया।
यह लगभग चार हजार करोड़ की लागत से स्थापित की गई परियोजना है। इस मौके पर भोपाल मे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, दिल्ली में केंद्रीय उर्जा मंत्री आर के सिंह, ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, धर्मेंद्र प्रधान, थावरचंद्र गहलोत, प्रहलाद पटेल मौजूद रहे।
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