नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना वायरस महामारी पर रोकथाम तथा आर्थिक गतिविधियों को सावधानी के साथ फिर गति देने के तरीकों पर सोमवार को एक बार और चर्चा की। कोरोना वायरस संकट पैदा होने के बाद मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए यह पांचवीं बातचीत है। पिछली चर्चा 27 अप्रैल को हुई थी।
सोमवार के वीडियो कॉन्फ्रेंस में प्रवासी मजदूरों के वापस गांव की ओर पलायन तथा इससे आर्थिक गतिविधियों को सामान्य बनाने में दिक्कतों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है। चूंकि कई मुख्यमंत्रियों ने यह शिकायत की है कि 27 अप्रैल को हुई बैठक में उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया गया, अत: इस बैठक में कोशिश की जाएगी कि भाग ले रहे सभी मुख्यमंत्रियों को बोलने का मौका दिया जाए।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा के साथ रविवार को एक बैठक में राज्य के मुख्य सचिवों ने उन्हें बताया कि "कोरोना वायरस से व्यक्तियों की सुरक्षा और बचाव की बहुत आवश्यकता है, लेकिन इसके साथ ही आर्थिक गतिविधियों को भी बड़े पैमाने पर सामान्य बनाने की जरूरत है"। हजारों प्रवासी श्रमिक विशेष ट्रेन की सुविधा अपने गृह राज्य वापस जा रहे हैं, ऐसे में कई राज्यों में श्रम कानूनों में कई छूट दिये जाने के बाद भी औद्योगिक गतिविधियों को फिर से शुरू करना एक चुनौती साबित होगा।
इस बैठक में कोरोना वायरस संक्रमण के अधिक मामले वाले इलाकों को ‘रेड जोन’ से ऑरेंज और ग्रीन जोन में बदलने के प्रयासों पर भी चर्चा होने की संभावना है। प्रधानमंत्री की मुख्यमंत्रियों के साथ पिछली बातचीत के दिनों के बाद, केंद्र सरकार ने लॉकडाउन को बढ़ाकर 17 मई तक कर दिया था। इसके साथ ही आर्थिक गतिविधियों और लोगों की आवाजाही के संबंध में में कई ढील भी दी गई थी।
कोरोना वायरस महामारी पर रोकथाम के लिए देश भर में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है। इस महामारी के कारण अब तक देश में 2,200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है जबकि संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 67 हजार के पार हो गई है।
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