नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस से लड़ने के लिए दवाओं तथा चिकित्सा उपकरणों की कम उपलब्धता पर विचारों का आदान-प्रदान किया तथा इस क्षेत्र में सहयोग के रास्ते तलाशने पर सहमति जताई। दोनों नेताओं ने टेलीफोन पर बातचीत की तथा अपने-अपने देशों में कोविड-19 को लेकर बने हालात पर तथा इस स्वास्थ्य संकट से निपटने में अंतरराष्ट्रीय सहयोग के महत्व पर चर्चा की।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘‘उन्होंने महामारी के दौर में जरूरी दवाओं तथा चिकित्सा उपकरणों की अपर्याप्त उपलब्धता पर विचार साझा किए तथा इस संबंध में सहयोग के रास्ते तलाशने पर सहमति जताई।’’ बयान के अनुसार जर्मन चांसलर ने प्रधानमंत्री के साथ बातचीत में इस बात पर सहमति जताई कि कोविड-19 महामारी आधुनिक इतिहास में अहम मोड़ है और पूरी मानवता के साझा हित पर ध्यान केंद्रित करते हुए वैश्वीकरण का नया संस्करण रचने का अवसर प्रदान करता है।
मोदी ने उन्हें दुनिया के लोगों के लिए सामान्य योगाभ्यास तथा प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले आयुर्वेदिक उपचार तरीकों का प्रचार करने की हालिया भारतीय पहलों के बारे में बताया। मर्केल ने इस बात पर सहमति जताई कि इस तरह के तरीके खासतौर पर मौजूदा लॉकडाउन की स्थिति में मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने के लिए बहुत लाभकारी हैं। भारत में 24 मार्च से 21 दिन का लॉकडाउन है वहीं जर्मनी ने भी नोवेल कोराना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सार्वजनिक जीवन पर मौजूदा पाबंदियों को दो सप्ताह के लिए 19 अप्रैल तक बढ़ा दिया है।
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