नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश के नाम संबोधन में कहा कि आत्मनिर्भर भारत की ये भव्य इमारत 5 पिलर्स पर खड़ी है, पहला पिलर अर्थव्यवस्था है, दूसरा स्तंभ इंफ्रास्ट्रक्चर जो आधुनिक भारत की पहचना बने। तीसरा पिलर हमारा सिस्टम है, एक ऐसा सिस्टम जो 21वीं सदी के सपनों को साकार करने वाली टेक्नोलॉजी व्यवस्थाओं पर आधारित हो। आगे उन्होंने बताया, चौथा पिलर हमारी डेमोग्राफी, दुनिया की सबसे बड़ी डमोक्रेसी हमारी ताकत है, आत्मनिर्भर भारत के लिए हमारी ऊर्जा का स्त्रोत है। पांचवां पिलर डिमांड, हमारी अर्थव्यवस्था में डिमांड और सप्लाई चेन का जो चक्र है उसे पूरी क्षमता से इस्तेमाल किए जाने की जरूरत है।
इससे पहले पीएम ने कहा, जब कोरोना संकट शुरू हुआ, तब भारत में एक भी पीपीई (PPE) किट नहीं बनती थी। एन-95 मास्क का भारत में नाममात्र उत्पादन होता था। आज स्थिति ये है कि भारत में ही हर रोज 2 लाख PPE और 2 लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, विश्व के सामने भारत का मूलभूत चिंतन, आशा की किरण नजर आता है। भारत की संस्कृति, भारत के संस्कार, उस आत्मनिर्भरता की बात करते हैं जिसकी आत्मा वसुधैव कुटुंबकम है। दुनिया को विश्वास होने लगा है कि भारत बहुत अच्छा कर सकता है, मानव जाति के कल्याण के लिए बहुत कुछ अच्छा दे सकता है। सवाल यह है कि आखिर कैसे? इस सवाल का भी उत्तर है-130 करोड़ देशवासियों का आत्मनिर्भर भारत का संकल्प।
प्रधानंमत्री मोदी ने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया। रात 8 बजे से शुरू अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से हमें बचना भी है और आगे भी बढ़ना है। उन्होंने कहा कि भारत में अनेक परिवारों ने अपने स्वजनों को खोया है। सभी परिवारों के प्रति मेरी संवेदना है।
पीएम मोदी ने कहा कि एक वायरस ने दुनिया के तहस-नहस कर दिया है। करोड़ों लोगों को प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया जिंदगी बचाने के लिए जंग में जुटी है। इस तरह का संकट न पहले देखा गया और न सुना गया है। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर मानव जाति के लिए ये सबकुछ अकल्पनीय है.. संकट अभूतपूर्व है.. लेकिन थकना हारना, टूटना मानव को मंजूर नहीं।
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