नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्रिपरिषद में फेदरबदल के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र द्वारा वित्त पोषित तकनीकी संस्थानों के निदेशकों के साथ वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संवाद किया और कहा कि देश के प्रौद्योगिकी एवं अनुसंधान संस्थान आने वाले दशक को ‘‘भारत का प्रौद्योगिकी दशक’’ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
इस दौरान नवनियुक्त शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के अलावा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), बॉम्बे, आईआईटी, मद्रास, आईआईटी कानपुर के निदेशकों के अलावा कुछ अन्य तकनीकी व प्रौद्योगिकी संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि शिक्षा के ऐसे मॉडल बनाने में प्रगति की आवश्यकता है जिनमें कोई बाधा न हो और जो शिक्षार्थियों को सीखने के ऐसे अवसर मुहैया करा सकें जिनकी उन्हें आवश्यकता है। हमारे प्रौद्योगिकी और अनुसंधान एवं विकास संस्थान आने वाले दशक में बड़ी भूमिका निभाएंगे।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से जारी एक बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने इस दौरान त्वरित प्रौद्योगिकी समाधान देने के लिए युवा नवोन्मेषकों की सराहना की। उन्होंने छात्रों की जरूरतों के हिसाब से लचीले, समेकित और सीखने का मौका प्रदान करने वाली शिक्षा के प्रारूपों को अपनाने पर जोर दिया। ज्ञात हो कि बुधवार को हुए मंत्रिपरिषद विस्तार में धर्मेंद्र प्रधान को शिक्षा मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया है। इससे पहले रमेश पोखरियाल निशंक इस मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
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