पीएम मोदी ने नमामि गंगे परियोजना पर किया मंथन, नाव पर बैठकर गंगा की सफाई का लिया जायजा
शहर के चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय गंगा परिषद की पहली बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को नमामि गंगे परियोजना पर मंथन किया।
कानपुर | शहर के चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय गंगा परिषद की पहली बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को नमामि गंगे परियोजना पर मंथन किया। उन्होंने राष्ट्रीय गंगा नदी पुनर्जीवन, सुरक्षा एवं प्रबंधन परिषद (राष्ट्रीय गंगा परिषद) की बैठक की अध्यक्षता की। करीब दो घंटे चली बैठक में नमामि गंगे के अगले चरण और नई कार्य योजना को लेकर विमर्श के साथ ही कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गए। बैठक के बाद मोदी ने अटल घाट पहुंचकर ‘मां गंगा’ को नमन किया।
इसके बाद उन्होंने स्टीमर के जरिए गंगा की सफाई का निरीक्षण किया। परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी हिस्सा लिया। इस दौरान केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी भी मौजूद रहे। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशेष विमान से शनिवार सुबह कानपुर के चकेरी हवाईअड्डे पर उतरे। जहां पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों तथा केंद्रीय मंत्रियों ने उनका स्वागत किया।
नमामि गंगे के अभियान में लगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कानपुर में गंगा नदी को अविरल और निर्मल करने के प्रयासों को अपनी कसौटी पर परखने का साथ ही कानपुर शहर में 'नमामी गंगे' की परियोजनाओं का हाल और गंगा नदी में गिर रहे नालों का भी जायजा लिया। परिषद की बैठक के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा, ''आदरणीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में गंगा स्वच्छता का सांस्कृतिक यज्ञ चल रहा है। आज 'राष्ट्रीय गंगा परिषद' आगे की नीति-रणनीति पर विचार कर रही है।''
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ''केंद्र सरकार, राज्य सरकार को जो भी दायित्व सौंपेगी राज्य सरकार पूर्ण सहयोग की भावना से इस कार्य को करेगी। वह दिन अब दूर नहीं कि जब गंगोत्री से बंगाल की खाड़ी तक, हर जगह माँ गंगा निर्मल, अविरल, निर्झर होंगी। काशी हो, प्रयाग हो या कानपुर हर कहीं गंगाजल आचमन योग्य होगा। 'नमामि गंगे' परियोजना के माध्यम से हर भारतीय का यह स्वप्न पूरा होगा।'' प्रधानमंत्री चकेरी एयरपोर्ट पर उतरने के बाद हेलीकॉप्टर से चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय (सीएसए) पहुंचे।
इसके बाद उन्होंने नमामि गंगे मिशन के तहत लगी प्रदर्शनी का अवलोकन किया। प्रधानमंत्री की मौजूदगी में राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक दोपहर बाद खत्म हो गयी। बैठक में पांच राज्यों यूपी, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में गंगा की स्थिति को लेकर मंथन किया गया। इन प्रदेशों में गंगा को निर्मल और अविरल बनाने के लिए अभी तक जो भी कार्य हुए हैं, मोदी ने उनकी समीक्षा की। इसके बाद आने वाले समय में गंगा को स्वच्छ और उसके किनारों को सुंदर बनाने के लिए क्या-क्या किया जा सकता है, इसकी कार्ययोजना भी तैयार की गयी।
मोदी की यात्रा के मद्देनजर कड़े सुरक्षा इंतजामों के चलते सीएसएयू और गंगा बैराज के आसपास के गेस्ट हाउसों में एक दिन के लिए शादी समारोह आदि स्थगित कर दिए गए हैं। यातायात पाबंदियों के चलते इन इलाकों के कई स्कूलों में छुट्टी का भी ऐलान किया गया है। इस बीच समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री की इस यात्रा पर कटाक्ष किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''सुना है प्रधान जी गंगा की स्वच्छता व प्रदूषण मुक्ति के लिए कानपुर में बड़ी बैठक कर रहे हैं। वहां निरीक्षण के समय फिर से गंगा में गिरनेवाले नालों का मुख मोड़कर ‘नक़ली सफ़ाई’ को झूठ का चश्मा पहनाया जाएगा। सलाह है कि प्रधान जी पहले भ्रष्टाचार का गोमुख साफ़ करें तब कानपुर पहुंचें।''