नई दिल्ली। धरना, आंदोलन और विरोध प्रदर्शन के नाम पर देश की संपत्ति की तोड़फोड़ करने वालों को प्रधानमंत्री मोदी देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की मानसिकता कहा है। खुर्जा से भाउपुर के बीच रेल फ्रेट कॉरिडोर का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा, “मैं यहां एक और मानसिकता का भी जिक्र करना जरूरी समझता हूं, जो अक्सर प्रदर्शनों और आंदोलनों के दौरान देखते हैं, यह मानसिकता देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “यह इंफ्रास्ट्र्क्चर या संपत्ति किसी नेता या दल की नहीं है बल्कि देश की है। समाज के हर वर्ग का इसके पीछे पसीना लगा हुआ है, गरीब ने अपने पेट काटकर पैसा दिया हुआ है तब जाकर सब बनता है, इसपर लगने वाली हर चोट देश के गरीब और सामान्य जन को चोट है, इसलिए अपना लोकतांत्रिक अधिकार जताते हुए हमें अपने राष्ट्रीय दायित्व को भी नहीं भूलना चाहिए।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “जिस रेलवे को अक्सर निशाना बनाया जाता है वो किस सेवा भाव से मुश्किल परिस्थितियों में देश के काम आती है यह कोरोना काल में दिखा है, मुश्किल में फंसे श्रमिकों को गांव तक पहुंचाना हो, दवा और राशन को देश के कोने कोने तक पहुंचाना हो या चलते फिरते अस्पताल की सुविधा देना हो, पूरे रेल नेटवर्क और सभी कर्मचारियों का यह सेवा भाव देश हमेशा याद रखेगा।
गौरतलब है कि हाल में चल रहे किसान आंदोलन के नाम पर कई जगहों पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की खबरें आई हैं, पंजाब में कई जगहों पर मोबाइल टॉवरों को तोड़ा गया है, 1500 से ज्यादा मोबाइल टावरों को नुकसान पहुंचाया गया है।
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