नई दिल्ली: देश में ऐक्टिव केसों में तेजी से कम होने के बीच एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने चेताया है कि यह राहत ज्यादा दिन नहीं टिकने वाली। उन्होंने कहा कि स्वाइन फ्लू सर्दियों में तेजी से फैलता है। इसी तरह कोविड भी फैलेगा। इस बात के भी सबूत हैं कि वायु प्रदूषण भी कोविड-19 के प्रसार में काफी हद तक मदद करेगा। इस पर इटली और चीन में कुछ महीनों पहले ही स्टडी की गई है।
उन्होंने आईसीएमआर के उस दावे पर भी प्रतिक्रिया दी जिसमें कहा गया है कि प्लाज्मा थेरपी से कोरोना वायरस से होने वाली मौतों में कमी नहीं आई है। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि प्लाज्मा कोई जादू की पुड़िया नहीं है। इसका इस्तेमाल केवल वहीं किया जा सकता है जहां इसकी संभावना है। प्लाज्मा थेरेपी से हर कोरोना मरीज का इलाज नहीं किया जा सकता।
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि कोविड के इलाज के दौरान अब तक जो हमने सीखा, उसके आधार पर कह सकते हैं कि सही जगह पर सही पद्दति के इलाज से ही मरीज को ठीक किया जा सकता है। डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की रिपोर्ट के आधार पर हमने ये आकलन किया है।
बता दें कि, प्लाज्मा थेरेपी को बंद करने की अटकलों को लेकर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि कोरोना वायरस के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी की शुरुआत सबसे पहले दिल्ली सरकार ने की थी और अमेरिका ने भी दिल्ली की प्लाज्मा थेरेपी की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि अब तक दिल्ली में दो हजार से भी ज्यादा लोगों को प्लाज्मा थेरेपी दी जा चुकी है, लेकिन अब केंद्र सरकार इसमें राजनीति कर रही है।
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