नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की भूमिका सामने आ रही है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस मामले में आगे क्या करना है इसका फैसला सबूतों के आधार पर गृह मंत्रालय करेगा। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि उनके (PFI) तार प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) से जुड़े होने के अलावा कई आरोप हैं।
नागरिकता कानून को विरोध में कई जगहों पर हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए हैं और हिंसा को काबू में करने के लिए स्थानीय प्रसाशन को बल का प्रयोग करना पड़ा है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने राज्य में हिंसा के लिए कई जगहों पर ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है जिनके बारे में कहा जा रहा है कि वे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के सदस्य हैं। हालांकि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के महासचिव मोहम्मद अली जिन्ना ने इसे उत्तर प्रदेश पुलिस की चेहरा छुपाने वाली कार्रवाई बताया है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने राज्य में नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की मिलीभगत बताया है और केंद्र से इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की बात भी कही है।
केंद्र सरकार ने अमेरिका में हुए 9/11 हमलों के बाद भारत में SIMI पर प्रतिबंध लगा दिया था, फिलहाल यह प्रतिबंध फरवरी 2019 तक लागू है। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का गठन जनवरी 2010 में हुआ था।
रविशंकर प्रसाद ने यह भी कहा कि देश की संसद अगर कोई कानून बनाती है तो राज्यों के लिए उस कानून को लागू करना संवैधानिक वाध्यता है। गौरतलब है कि कई राज्यों ने कहा है कि वह अपने यहां नागरिकता कानून को लागू नहीं करेंगे।
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