नई दिल्ली: केन्द्र की मोदी सरकार की लोकप्रियता तीन साल के बाद भी लगातार बरकरार है। इंटरनेश्नल सर्वे एजेंसी प्यू रिसर्च के मुताबिक भारत के 85 फ़ीसदी लोग अपनी सरकार पर भरोसा करते हैं। साथ ही 27 फीसदी लोगों का भरोसा है कि देश चलाने के लिए एक मजबूत नेता का होना ज़रूरी है। भारत के 65 फीसदी लोग उस सरकार पर भरोसा करते हैं जिसमें टैक्निकल एक्सपर्ट शामिल हों हालांकि 53 फीसदी भारतीयों का ये भी मानना है कि सैनिक शासन से देश का बेहतर विकास हो सकता है।
प्यू रिसर्च ने अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा है, भारत में अर्थव्यवस्था 2012 से 6.9 फीसदी की दर से बढ़ रही है। वहां 85 फीसदी से अधिक लोगों को अपनी सरकार में विश्वास रखते हैं। उसके अनुसार अपने मजबूत लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए पहचाने जाने वाले भारत में 55 फीसदी लोग किसी न किसी तरह से तानाशाही का समर्थन करते हैं। इनमें से 27 फीसदी लोग मजबूत नेता चाहते हैं।
इस सर्वेक्षण में कहा गया है कि 48 फीसदी रूसी नागरिकों ने मजबूत नेता के शासन का समर्थन किया। वैश्विक स्तर पर 26 फीसदी लोगों ने यह कहा कि ऐसी व्यवस्था शासन के लिए अच्छी होगी जिसमें मजबूत नेता संसद या अदालतों के दखल के बिना फैसले कर सके। सर्वेक्षण शामिल 71 फीसदी लोगों ने कहा कि यह शासन के लिए उचित नहीं होगा। भारत एशिया प्रशांत क्षेत्र के उन तीन देशों में शामिल है जहां तकनीकी तंत्र का समर्थन किया।
गौरतलब है कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भाजपा की सरकार बनी थी, जिसके बाद देश के कई राज्यों में भाजपा अपने बूते या सहयोगियों के साथ सरकार बना चुकी है। नोटबंदी जैसे फैसले के बाद देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में भी भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई है।
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