नई दिल्ली. गृह मंत्रालय ने रविवार को कहा कि देश में लागू लॉकडाउन के दौरान ई-कॉमर्स कंपनियों के जरिए गैर जरूरी वस्तुओं की बिक्री की अनुमति को वापस लेने का फैसला इसलिए किया गया क्योंकि ऐसा महसूस हुआ कि सामानों की सूची बहुत व्यापक है और इससे कोरोना वायरस से निपटने के लिए लागू बंदिशों पर असर पड़ सकता है। संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि पल-पल स्थिति बदल रही है और तकरीबन हर दिन फैसलों की समीक्षा की जा रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘जैसा की आपको पता है, कोरोना वायरस के खिलाफ हमारी मुहिम में कुछ पाबंदी जरूरी है। गैर जरूरी सामानों की सूची और समग्र हालात की समीक्षा की गयी। ऐसा पाया गया कि सूची बहुत विशाल है। अगर हम सभी सामानों को अनुमति देते हैं तो इससे लॉकडाउन पर असर पड़ सकता है। हालात के मुताबिक फैसले की समीक्षा की गयी।’’
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने आदेश जारी किया जिसमें ई-कॉमर्स कंपनियों के वाहनों में ढुलाई से गैर-जरूरी सामान को हटा दिया गया है। इसमें समेकित संशोधित दिशा-निर्देशों से ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा गैरजरूरी उत्पादों की बिक्री को हटा दिया गया है। इससे पहले 15 अप्रैल को जारी आदेश में ई-कॉमर्स कंपनियों को 20 अप्रैल से गैर-जरूरी सामान की बिक्री की अनुमति दी गई थी।
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