इंदौर: इंदौर में छह महीने की एक मासूम बच्ची के अपहरण और कथित बलात्कार के बाद उसकी हत्या किये जाने से पूरा देश स्तब्ध है। इस मामले को पूरे इंदौर शहर में लोग गुस्से में हैं। इस मामले के आरोपी को जब कोर्ट में पेश करने के लिए पुलिस इंदौर कोर्ट पहुंची तो वहां मौजूद वकीलों और दूसरे लोगों ने उसकी पिटाई कर दी। लोगों का गुस्सा इस कदर हावी था कि पुलिस द्वारा बचाने की लाख कोशिश करने के बावजूद लोगों ने उसे जमीन पर लेटाकर काफी मारा। इस पूरे मामले में कथित संवेदनहीनता एवं लापरवाही बरतने के चलते सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) को निलंबित कर दिया गया है।
पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) हरिनारायणाचारी मिश्रा ने इस केस के बारे में बताया कि मामले में देर रात नवीन गाडगे (25) को पकड़ लिया गया। यह शख्स बच्ची का दूर का रिश्तेदार है। डीआईजी ने बताया कि बच्ची के परिजन गुब्बारे बेचकर गुजारा करते हैं। गुरुवार रात जब वे ऐतिहासिक राजबाड़ा महल के सामने अपने परिवार के साथ खुले में सो रहे थे तभी गाडगे ने बगल में सो रही दुधमुंही बच्ची को कथित तौर पर अगवा कर लिया। मिश्रा ने सीसीटीवी कैमरे की फुटेज के हवाले से बताया, "अपहरण के बाद आरोपी सोती बच्ची को अपने कंधे पर डालकर निकला, ताकि लोगों को शक ना हो। फिर वह उसे करीब 50 मीटर दूर स्थित वाणिज्यिक इमारत के तलघर में ले गया।" डीआईजी ने बताया कि आरोप है कि बलात्कार के बाद गाडगे ने बच्ची को कुछ फुट ऊंचाई से फेंककर उसकी हत्या कर दी। बच्ची का शव शुक्रवार दोपहर बरामद किया गया।
इस बीच, मामले में संवेदनहीनता एवं लापरवाही बरतने के आरोप में सर्राफा पुलिस थाने के एएसआई त्रिलोक सिंह वरकड़े को निलंबित कर दिया गया है। आरोप है कि बच्ची के लापता होने के बाद जब घबराये परिजन शुक्रवार सुबह पुलिस थाने पहुंचे तो एएसआई ने उन्हें कहा कि दोपहर 12 बजे थाना प्रभारी आयेंगे। इसके बाद ही मामले में प्राथमिकी दर्ज की जायेगी। इधर केंद्रीय कैबिनेट ने आज उस अध्यादेश को मंजूरी दे दी जिसमें 12 साल से कम की बच्ची के साथ रेप करने के मामले में मौत की सजा सुनाए जाने का प्रावधान रखा गया है।
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