तिरुवनंतपुरम| नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ सबसे बड़े विरोध प्रदर्शन के रूप में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाले लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) द्वारा रविवार को कासरगोड से तमिलनाडु की सीमा तक फैली मानव श्रृंखला का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 70 लाख लोगों ने भाग लिया।
इसमें हिस्सा लेने के लिए लोग बड़ी संख्या में घरों से बाहर आए। दोपहर 3.30 बजे परीक्षण के बाद, कासरगोड से तिरुवनंतपुरम तक लगभग 600 किलोमीटर की दूरी पर राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे 4 बजे से श्रृंखला बननी शुरू हुई। पहले संविधान की प्रस्तावना पढ़ी गई और बाद में मौजूद सभी लोगों ने शपथ लेते हुए संविधान की रक्षा के लिए अपनी जान न्यौछावर करने की बात कही।
मानव श्रृंखला के जरिए विरोध की परिकल्पना माकपा की थी। कासरगोड के उत्तरी बिंदु पर एस. रामचंद्रन पिल्लई श्रृंखला में पहले स्थान पर थे, वहीं दक्षिणी छोर पर कलियाकेवला में तमिलनाडु सीमा पर पार्टी सदस्य एम.ए. बेबी मौजूद थे। बेबी ने कहा, "केरल ने हमेशा से ही कई प्रदर्शन किए हैं और देश को दिखाया है कि मजबूत विरोध प्रदर्शन के माध्यम से क्या हो सकता है।
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