नई दिल्ली: ताजा आंकड़ों के अनुसार केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) द्वारा नागरिकों की सहायता के लिए पिछले सप्ताह स्थापित की गई एक अखिल भारतीय हेल्पलाइन पर कॉल करने वालों में से 91 प्रतिशत लोगों ने कोरोना वायरस के जांच केंद्रों और लॉकडाउन से संबंधित जानकारी हासिल करने के लिए कॉल किया। इसके मुकाबले केवल आठ प्रतिशत लोगों ने राशन और दवाई जैसे जरूरी सामान की आपूर्ति के लिए कॉल किया।
कश्मीर स्थित ‘मददगार हेल्पलाइन’ को 26 मार्च को विस्तार देकर उसका दायरा अखिल भारतीय कर दिया गया था। इसके साथ ही बंद से प्रभावित लोगों की सहायता के लिए व्हाट्सएप्प नंबर 7082814411 भी शुरू किया गया था। शुरुआत में लैंडलाइन नंबर 14411 और ट्विटर हैंडल ‘सीआरपीएफ मददगार’ के द्वारा इस हेल्पलाइन का मकसद मुख्य रूप से कश्मीर घाटी समेत केवल उत्तरी राज्यों के लोगों की सहायता करना था।
मिले आंकड़ों के अनुसार 26 मार्च से दो अप्रैल के बीच हेल्पलाइन को कुल 4,713 कॉल प्राप्त हुई जिसमें से 4,289 (91 प्रतिशत) कॉल कोविड-19 के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए की गई थी। लोगों ने कॉल कर लॉकडाउन के अंत होने, रेल सेवा चालू होने और महामारी की रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों से संबंधित जानकारी मांगी। आंकड़ों के अनुसार टेलीफोन लाइन, व्हाट्सएप्प, ट्विटर, ईमेल और फेसबुक के जरिये लोगों ने कॉल और संदेश भेजकर कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिए स्थापित की गयी प्रयोगशालाओं, पृथक केंद्रों, नजदीकी उपचार केंद्रों इत्यादि की जानकारी मांगी।
सीआरपीएफ विशेष महानिदेशक (जम्मू कश्मीर क्षेत्र) जुल्फिकार हसन ने कहा, “हमने सोचा था कि कोविड-19 के लिए स्थापित की गई नई हेल्पलाइन पर राशन की आपूर्ति के लिए कॉल आएंगी। हम इसके लिए तैयारी भी कर रहे थे। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से अधिकतर कॉल महामारी और लॉकडाउन के बारे में जानकारी लेने के लिए की गई।”
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