नई दिल्ली। पेगसस मामले में सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने याचिकाकर्ताओं से पूछा है कि जो लोग फोन हैकिंग का दावा कर रहे हैं उन्होंने अभी तक इस मामले में कोई शिकायत दर्ज क्यों नहीं कराई है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा है कि कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि उनके फोन हैक हुए हैं लेकिन उन्होंने इस को लेकर अभी तक कोई आपराधिक शिकायत दर्ज कराने का प्रयास भी नहीं किया है। सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा है कि याचिकाओं में अखबारों की कटिंग के अलावा और कुछ नहीं है। हालांकि सुनवाई के दौरान मु्ख्य न्यायाधीश ने यह भी कहा है कि अगर याचिकाओं में किया गया फोन टैपिंग का दावा सही है तो यह गंभीर मामला है। इस मामले की अगली सुनवाई अब 10 अगस्त को होगी।
पेगसस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 9 याचिकाएं दाखिल की गई हैं और इन याचिकाओं की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना की बेच कर रही है। याचिका कर्ताओं में एडिटर्स गिल्ड, सीपीआई के सांसद जॉन ब्रिट्टस, वरिष्ठ पत्रकार एन राम, शशि कुमार, कुछ एक्टिविस्ट और वरिष्ठ वकील एमएल शर्मा शामिल हैं। याचिकाकर्ताओं की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल कोर्ट के सामने पेश हुए हैं।
याचिका पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि ज्यादातर याचिकाएं नेशनल और इंटरनेशनल मीडिया में छपी खबरों के आधार पर है। याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने अपना दावा रखने के लिए कैलिफोर्निया की एक कोर्ट का हवाला दिया लेकिन मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि याचिका में आपने कहा है कि कुछ भारतीय पत्रकारों को टारगेट किया गया है जबकि कैलिफोर्निया कोर्ट ने तो ऐसा कुछ नहीं कहा है। इसपर कबिल सिब्बल ने कहा कि सरकार को सामने आकर इसके ऊपर जवाब देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले की अगली सुनवाई 10 अगस्त को होगी। कोर्ट ने कहा कि सरकार का पक्ष सुने बिना नोटिस नहीं जारी कर सकते।
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