पटना: लालू यादव की बीमारी के लिए बिहार का सरकारी तंत्र तीमारदार बन गया। पटना के जिस IGIMS अस्पताल के चैयरमैन स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप हैं, उस अस्पताल की मेडिकल टीम ने पूरे 9 दिन लालू के घर पर आरजेडी सुप्रीमो का इलाज किया। यह सरकारी तीमारदारी उस लालू प्रसाद की हुई, जो चारा घोटाले में सज़ायाफ्ता हैं। उनके नाम से पटना में कोई सरकारी बंगला तक नहीं है। लेकिन लालू के बेटे बिहार के स्वास्थ्य मंत्री हैं, लिहाज़ा पूरी मेडिकल टीम तेज प्रताप के नाम पर उनके घर डटी रही।
बिहार का सबसे प्रसिद्ध सरकारी अस्पताल इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) है। जहां मरीज़ों और तीमारदारों को इलाज के लिए कितने पापड़ बेलने पड़ते हैं। यहां डॉक्टर तक पहुंचने में मरीज़ों को सुबह से शाम हो जाता है। अस्पताल में एडमिशन मिलेगा या नहीं यह भी तय नहीं है, लेकिन इसी अस्पताल का पूरा सिस्टम यानी 3 डॉक्टर और 2 नर्सों की टीम पूरे 9 दिन लालू प्रसाद यादव के घर पर थी क्योंकि लालू बीमार थे। ख़ुद आईजीआईएमएस के डायरेक्टर मानते हैं कि अस्पताल की टीम लालू के 10 सर्कुलर रोड वाले घर पर गई थी।
दरअसल यह पूरा खेल सुनियोजित तरीके से हुआ। ऑर्डर के तहत मेडिकल टीम 10 सर्कुलर रोड गई। इस ऑर्डर में लालू के इलाज का नहीं बल्कि स्वास्थ्य मंत्री के घर का ज़िक्र है। इस मेडिकल टीम में आईजीआईएमएस के मेडिसीन विभाग के हेड, सर्जन, लॉजिस्टिक्स के लिए डिप्टी मेडिकल सुप्रिटेंडेंट और दो नर्सों की ड्यूटी लगाई गई। यह ड्यूटी 31 मई से 8 जून तक लगाई गई।
इस खेल के लिए 10 सर्कुलर रोड बतौर स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप को अलॉट 3 देश रत्न मार्ग वाला सरकारी बंगला नहीं चुना गया। ऑर्डर में 10 सर्कुलकर रोड लिखा है जो पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते राबड़ी देवी को मिला है और लालू यहीं रहते हैं। तेज प्रताप का यहां आना-जाना लगा रहता है। इसलिए मेडिकल टीम की तैनाती के लिए यही दलील दी जा रही है।
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