पटना: नमामी गंगे प्रोजेक्ट के तहत पटना में गंगा की साफ सफाई के साथ साथ घाटों को सुंदर बनाने के काम भी हो रहा है। रिवर फ्रंट डेवलपमेंट के जरिए पटना के अधिकतर गंगा घाट एक दूसरे के साथ जुड़ गए हैं। पटना में गंगा नदी के किनारे बीस घाट हैं...जिनमें से 16 घाट एक दूसरे से कनेक्ट हो चुके हैं। पटना के कलेक्ट्रेट घाट से लेकर नौजर घाट की साफ-सफाई के साथ ही सौंदर्यीकरण का काम पूरा हो चुका है।
घाट की दीवारों पर खूबसूरत पेंटिंग्स
घाटों यह पूरा गलियारा करीब छह किलोमीटर का है और इस पूरे रास्ते में कहीं भी गंदगी का नामो-निशान नजर नहीं आता। गंगा घाट की दीवारों पर खूबसूरत पेंटिंग्स बनाई गई हैं और लोगों की सुविधा के लिए काफी इंतजाम किए गए हैं। अब पटना में रहनेवाले लोग यहां सुबह मॉर्निंग वॉक करने यहां आ सकते हैं और शाम को गंगा किनारे टहलने के लिए भी परिवार के साथ..दोस्तों के साथ वक्त बिता सकते हैं।
गंगा किनारे रोज शाम आरती
रात के वक्त इन घाटों की खूबसूरती देखते ही बनती है। रात को पूरा इलाका रंग बिरंगी रोशनी में डूब जाता है। यहां रोशनी का जबरदस्त इंतजाम है इसीलिए जब लोग घूमने आते हैं तो हर घाट की अपनी अलग पहचान और अलग सुंदरता नजर आती है। यहां गंगा किनारे रोज शाम आरती होती है लेकिन पहले के मुकाबले अब ज्यादा लोग इसमें शामिल होने लगे हैं। इन घाटों के सौंदर्यीकरण के लिए अभी तक 300 करोड़ रुपए लगाए जा चुके हैं और काम अब भी जारी है।
फूड कियोस्क भी खुले
हाई मास्ट और स्ट्रीट लाइट्स के अलावा यहां फूड कियोस्क भी खुल गए हैं और इसे एक पर्यटन केंद्र के तौर पर डेवलप किया जा रहा है। इन घाटों पर जो लोग पहले सिर्फ आरती के वक्त या फिर धार्मिक कर्मकांडों के लिए आते थे अब वे लोग यहां घूमने टहलने आते हैं। स्टूडेंट्स घाटों पर पढ़ने के लिए आते हैं। छात्रों का कहना है कि घाटों पर शान्ति रहती है शाम के वक्त लाइट भी होती है। (रिपोर्ट-नीतीश चंद्र)
यहां देखें पूरी रिपोर्ट
Latest India News