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Hindi News भारत राष्ट्रीय शाहीन बाग में नहीं खुला स्कूली बच्चों का रास्ता

शाहीन बाग में नहीं खुला स्कूली बच्चों का रास्ता

शाहीन बाग के धरने में शामिल मुश्ताक और उनके साथी जहां सड़क का दूसरा हिस्सा स्कूल बसों के लिए खोले जाने के पक्ष में है, वहीं कई प्रदर्शनकारी अभी भी इसके लिए राजी नहीं हैं।

Shaheen Bagh- India TV Hindi Image Source : PTI Ongoing protest against NRC and CAA at Shaheen Bagh 

नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ शाहीन बाग में शुक्रवार को भी प्रदर्शन किया गया। सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान जुमे की नमाज भी शाहीन बाग की मुख्य सड़क पर ही पढ़ी। प्रदर्शनकारी यहां नोएडा को दिल्ली से जोड़ने वाली मुख्य सड़क 13 ए पर धरना दे रहे हैं। कुछ प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार से इस सड़क का एक हिस्सा स्कूल के वाहनों एवं एंबुलेंस के लिए खोलने की बात कही थी लेकिन शुक्रवार को भी यह सड़क सभी वाहनों के लिए पूरी तरह से बंद रही।

शाहीन बाग में धरना दे रहे मुश्ताक के मुताबिक स्कूल बसों और एंबुलेंस के लिए शाहीन बाग की सड़क का एक हिस्सा खोलने को लेकर यहां कई लोगों के बीच सहमति बन गई है। हालांकि इन दावों के बावजूद दिल्ली से नोएडा व नोएडा से दिल्ली की ओर आने जाने वाले विद्यार्थियों के लिए शुक्रवार का दिन भी तकलीफों भरा रहा। उन्हें पहले स्कूल और फिर स्कूल से घर पहुंचने के लिए लंबे रास्ते से होकर जाना पड़ा। नोएडा के अलावा कालिदी कुंज के लोगों को भी शाहीन बाग की सड़क बंद होने के कारण दूसरा रास्ता अपनाना पड़ रहा है।

शाहीन बाग के धरने में शामिल मुश्ताक और उनके साथी जहां सड़क का दूसरा हिस्सा स्कूल बसों के लिए खोले जाने के पक्ष में है, वहीं कई प्रदर्शनकारी अभी भी इसके लिए राजी नहीं हैं। यहां मौजूद फुरसत ने कहा, "ये लड़ाई तो बच्चों के लिए ही लड़ी जा रही है, बच्चों का भविष्य खराब न हो, इसलिए आज हम सड़कों पर दिन रात काट रहे हैं। आज हमने अगर एक रास्ता खोल दिया तो कल वो हमें यहां से हटने को भी कहेंगे, लेकिन सीएए वापस हुए बिना हम यहां से नहीं हटेंगे।"

पिछले एक महीने से हर रोज शाहीन बाग आ रहे शाहिद के मुताबिक वह खुद अपने बच्चों को दूसरे रास्ते से स्कूल ला-ले जा रहे हैं। हालांकि, शाहिद ने कहा कि स्कूल बसों के लिए रास्ता जल्द खोल दिया जाएगा और यह फैसला अगले दो-तीन दिन में सबकी रजामंदी से ही लिया जाएगा।

शाहीन बाग में अपने पोते के साथ आने वाली 65 वर्षीय नादिरा ने कहा, "स्कूल के लिए तो रास्ता खोल ही देना चाहिए, लेकिन उस सड़क से और गाड़िया को नहीं आने दिया जाएगा। अगर अन्य गाड़ियां भी आने लगेंगी तो सड़क पर ट्रैफिक जाम होगा और पुलिस हमे हटने के लिए बोलेगी। इसलिए पहले पुलिस ये वादा करे कि वो हमें हमारी मांगे पूरी होने तक जबरन नहीं हटाएगी।"

दिल्ली पुलिस ने भी बताया कि शुक्रवार शाम तक शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों ने स्कूल बसों व अस्पताल की गाड़ियों को रास्ता नहीं दिया है। पुलिस ने इस बाबत स्थानीय लोगों और इलाके की अमन कमेटी से बात की है। पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों से मुख्य सड़क को खाली करके किसी अन्य स्थान पर प्रदर्शन करने की अपील बार बार की जा रही है, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने अभी तक उनकी अपील नहीं मानी है।

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