नयी दिल्ली: राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने बुधवार को कहा कि राजनीतिक दलों को संसद में उनके सदस्यों के अनुचित व्यवहार पर नियंत्रण करना चाहिए। नायडू ने मीडिया को भी संसद में केवल हंगामे की खबरें नहीं देने बल्कि सदस्यों के अच्छे विचारों को भी प्रकाशित प्रसारित करने की सलाह दी। कुछ चुनिंदा पत्रकारों के समूह से बातचीत में उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘राजनीतिक दलों को अपने सदस्यों का ध्यान रखना चाहिए और उनके अनुचित व्यवहार पर लगाम लगानी चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि पूरा देश राज्यसभा को वरिष्ठ सदस्यों के सदन के तौर पर देखता है इसलिए अनुशासन बनाकर रखना होगा। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से आदर्श पेश करने का भी आग्रह किया। नायडू ने कहा कि सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के बीच स्वस्थ संबंध होने चाहिए। कई बार इसकी कमी दिखाई देती है। संसद में होने वाली चर्चाओं के संबंध में उपराष्ट्रपति ने कहा कि कुछ सांसद उत्कृष्ट भाषण देते हैं लेकिन मीडिया उनकी रिपोर्टिंग नहीं करता और केवल अशोभनीय दृश्यों पर ध्यान देता है।
उन्होंने कहा कि राज्यसभा टीवी और लोकसभा टीवी के विलय की प्रक्रिया प्रगति पर है और इसके लिए एक समिति का गठन किया गया है जो दूसरे देशों में अपनाये जा रहे स्वरूपों का अध्ययन करेगी। उपराष्ट्रपति ने कहा कि नये संसद भवन के निर्माण पर बातचीत चल रही है और सांसदों से सुझाव मांगे गये हैं। न्यायपालिका में सुधारों के सवाल पर राज्यसभा के सभापति ने उच्चतम न्यायालय की और पीठें बनाने पर जोर दिया ताकि लंबित मामलों में कमी आए तथा वादियों पर खर्च कम हो। उन्होंने राजनीतिक मामलों, नेताओं के खिलाफ आपराधिक मामलों तथा दलबदल से जुड़े विषयों के त्वरित निस्तारण के लिए अलग पीठें या न्यायाधिकरण गठित करने की वकालत की।
Latest India News