नई दिल्ली। संसद का 14 सितंबर से शुरू हुआ मानसून सत्र एक अक्तूबर से पहले ही खत्म हो सकता है। मौजूदा मानसून सत्र अगले सप्ताह के मध्य तक खत्म किया जा सकता है। लोकसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में ज्यादातर पार्टियों के नेताओं में चल रहे मानसून सत्र को छोटा करके तय समय से पहले खत्म करने को लेकर सहमति बन गयी है। हालांकि, मॉनसून सत्र कब खत्म करना है इसका अंतिम फैसला लोकसभा स्पीकर लेंगे। बताया जा रहा है कि संसद का मानसून सत्र आने वाली 23 या 24 सितंबर को लगभग 7 से 8 बैठकें घटाकर खत्म किया जा सकता है।
सांसदों के बीच
कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ने के मद्देनजर संसद का मौजूदा मानसून सत्र अगले सप्ताह के मध्य तक खत्म किया जा सकता है। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी। लोकसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में शामिल ज्यादातर पार्टियों के नेताओं ने सत्र को निर्धारित समय से पहले खत्म करने की पैरवी की। कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में सदन में विभिन्न पार्टियों के नेता, सरकार के प्रतिनिधि शामिल होते हैं तथा इसकी अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष करते हैं।
संसद का मानसून सत्र गत 14 सितंबर से आरंभ हुआ था और तय कार्यक्रम के मुताबिक इसका समापन एक अक्टूबर को होना था। सत्र के संदर्भ में अंतिम निर्णय संसदीय कार्य संबंधी कैबिनेट समिति द्वारा लिया जाएगा। लोकसभा ने कृषि से संबंधित तीन विधेयकों को पारित कर दिया है। ये विधेयक अध्यादेशों के स्थान पर लाए गए थे। इसके साथ सांसदों के वेतन में कटौती से संबंधित अध्यादेश के स्थान पर लाए गए विधेयक को भी सदन की मंजूरी मिल गई है।
सूत्रों ने कहा कि सत्र के दौरान संसद के कुछ सदस्य कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। विपक्षी दलों ने सरकार से कहा है कि 18 दिनों का सत्र जोखिम भरा हो सकता है। सूत्रों के अनुसार, सरकार ने इस दिशा में विचार करना आरंभ कर दिया है। गत 14 सितंबर से सत्र के होने के बाद से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और प्रह्लाद पटेल कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। दोनों सत्र में शामिल हुए थे। कई सांसदों के भी कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।