पाकिस्तान ने अपनाई ISIS वाली रणनीति, बेहद चौंकाने वाली है इस नये हथियार की जानकारी
पाकिस्तान ने अब एक नये तरह के युद्ध की शुरुआत कर दी है और इसके लिये उसने आईएसआईएस वाली रणनीति अपनानी शुरू कर दी है। इस जंग में दिमाग़ तो पाक सेना चीफ बाजवा का है लेकिन हथियार चीन से ख़रीदा गया है। यही वजह है कि इस वक़्त भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर निगरानी कई गुना बढ़ा दी गई है।
नई दिल्ली: पाकिस्तान ने अब एक नये तरह के युद्ध की शुरुआत कर दी है और इसके लिये उसने आईएसआईएस वाली रणनीति अपनानी शुरू कर दी है। इस जंग में दिमाग़ तो पाक सेना चीफ बाजवा का है लेकिन हथियार चीन से ख़रीदा गया है। यही वजह है कि इस वक़्त भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर निगरानी कई गुना बढ़ा दी गई है क्योंकि पाकिस्तान के इस नये हथियार के बारे में जो जानकारी मिली है वो बेहद चौंकाने वाली है।
कुछ साल पहले सीरिया में बग़दादी के आतंकी फ़ौज ने एक ऐसा हथियार ईजाद किया था कि रूस, ईरान, अमेरिका समेत पूरी दुनिया के होश उड़ गये थे क्योंकि जिस तकनीक पर दुनिया हज़ारों करोड़ रुपये ख़र्च कर रही है आईएसआईएस ने उसे कुछ 200 डॉलर यानी 15 हज़ार रुपये के अंदर बना डाला। एक ऐसा हथियार बना दिया जिसने सीरिया और ईरानी की फ़ौज के कई हाई लेवल टारगेट को ख़त्म कर दिया। ये है बम बरसाने वाले ड्रोन।
आईएसआईएस ने इस Quadcopter यानी हेलीकॉप्टर की तरह उड़ने वाले इन ड्रोन पर ऐसे ग्रेनेड बांधे जो उसे अपने टारगेट पर 300 से 400 फीट की ऊंचाई से गिराने थे। इन ग्रेनेड में बैडमिंटन में इस्तेमाल की जाने वाली शटल कॉक के पंख लगाये गये ताकि ये सही दिशा में गिरे। ये गुरिल्ला युद्ध में ऐसा नया कारनामा था जिसने ज़मीन पर आईएसआईएस से लड़ रहीं सीरिया, रूस और ईरान की फ़ौज को अपनी रणनीति बदलने पर मजबूर कर दिया। इसे आधुनिक युद्ध के ज़माने में आईएसआईएस की मिलिट्री Innovative Tactics का नाम दिया गया और अब यही तकनीक पाकिस्तान भारत के अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर इस्तेमाल कर रहा है।
पंजाब का तरण तारण इलाक़ा पाकिस्तान के साथ अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर है और यहां पाकिस्तान से भेजे गये हथियार मिले हैं जिसमें आईएसआईएस की इसी रणनीति की छाप लगी हुई है। पंजाब पुलिस ने खालिस्तान के कुछ आतंकवादियों से 5 AK-47, कई मैगज़ीन, गोलियां, ग्रेनेड, सैटेलाइट फ़ोन और लाखों रुपये कैश बरामद किया है। आतंक फैलाने के लिये ये पूरा सामान पाकिस्तान ने ड्रोन के ज़रिये भारत पहुंचाया है। ये ड्रोन भारत तो आया लेकिन वापस नहीं जा पाया और भारत की ही ज़मीन पर जलकर गिर गया।
तरण तारण ज़िले का खालरा इलाक़ा ठीक पाकिस्तान के बॉर्डर पर है और यहीं ड्रोन के ज़रिये हथियार भारत की ज़मीन पर गिराये गये क्योंकि कंटीली तारों की वजह से यहां आतंकी घुसपैठ नहीं कर सकते। पाकिस्तान ने ऐसे ड्रोन का इस्तेमाल किया जो 10 किलो तक का वज़न उठा सकते हैं। 10 किलो तक के वज़न का मतलब है कि एक ड्रोन एक बार में दो AK-47 राइफल लेकर उड़ सकता है। एक AK-47 राइफल का वज़न साढ़े 4 किलो के आसपास होता है। पंजाब से पाकिस्तान का क़रीब 425 किलोमीटर का बॉर्डर लगता है और तरण तारण ज़िला स्मगलिंग के लिये सबसे ज़्यादा कुख्यात रहा है। यहां पहले भी खालिस्तानी आतंकवादी सक्रिय रहे हैं।
ऐसे ड्रोन में GPS लगा होता है और पाकिस्तान के ऑपरेटर इसे रिमोट के ज़रिये बॉर्डर पार भेज सकते हैं और हथियार ड्रॉप कर सकते हैं। ये ड्रोन 500 मीटर की ऊंचाई तक उड़ सकते हैं और इनकी रेंज 3 किलोमीटर से ज़्यादा होती है। यानी बॉर्डर के पार 3 किलोमीटर के दायरे में रहकर पाकिस्तान के आतंकवादी अब ऐसे हथियार भारत में सप्लाई कर रहे हैं जो पंजाब में दशकों पहले ख़त्म हो चुके आतंकवाद को फिर ज़िंदा कर सकें या फिर इन हथियारों की सप्लाई कश्मीर में की जा सके।
पंजाब में AK-47 गिराने की इस घटना ने साबित कर दिया है कि अब ऐसे ड्रोन भारत के लिये ख़तरा बनते जा रहे हैं। ये ड्रोन ना सिर्फ़ हथियार सप्लाई कर सकते हैं बल्कि ड्रग्स और नक़ली नोटों की भी इसी तरह स्मगलिंग की जा सकती है। पाकिस्तान से हथियारों की सप्लाई के लिए ड्रोन का इस्तेमाल एक नई तरह की चुनौती है। इस साजिश को भी नाकाम करने पर तेजी से काम हो रहा है। मुंबई में आइडियाफोर्ज नाम की एक कंपनी एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी को डेवलप कर रही है जो अगर पूरी तरह से सफल रही तो 50 किलोमीटर दूर से ही दुश्मन के ड्रोन को नाकाम कर सकती है।