जम्मू-कश्मीर: बीएएसएफ के लापता जवान का शव मिला, गर्दन और शरीर पर गोलियों के निशान
जम्मू के समीप अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के लापता जवान का शव मिला है।
जम्मू/नयी दिल्ली: जम्मू के समीप अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के लापता जवान का शव मिला है। बीएसएफ के मुताबिक रामगढ़ सेक्टर में बॉर्डर की फेंसिंग के आपसपास उगे घास को हटाने के दौरान फायरिंग के बाद जवान का कुछ भी पता नही चल रहा था। बार में तलाशी के बाद बीएसएफ जवान का शव मिला जिसके गले पर गोलियों के गहरे घाव के निशान थे। वहीं जवान के शरीर पर भी बुलेट के निशान मिले हैं। उधर, इस घटना से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ सकता है। यह घटना मंगलवार को रामगढ़ सेक्टर में हुई। घटना के बाद सुरक्षा बलों ने पूरी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तथा नियंत्रण रेखा पर ‘‘हाई अलर्ट’’ जारी कर दिया। सीमा सुरक्षा बल ने अपने समकक्ष पाकिस्तान रेंजर्स के समक्ष कड़ाई के साथ यह मुद्दा उठाया है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि हेड कॉन्स्टेबल नरेंद्र कुमार के शरीर में तीन गोलियों के निशान भी मिले हैं। कुमार का शव छह घंटे के बाद भारत पाक बाड़ के आगे मिल पाया क्योंकि पाकिस्तानी पक्ष ने सीमा पर संयंम बनाए रखने और बीएसएफ के खोजी दलों पर गोलीबारी न होना सुनिश्चित करने के आह्वान पर ‘‘कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।’’
उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी रेंजर्स से लापता जवान का पता लगाने के लिए संयुक्त गश्त में शामिल होने को कहा गया था। लेकिन पाक रेंजर्स ने एक स्थान तक आने के बाद समन्वित कार्रवाई में शामिल न हो पाने के लिए इलाके में पानी जमा होने का बहाना बना दिया। तब बीएसएफ ने सूर्यास्त का इंतजार किया और जवान का शव चौकी तक लाने के लिए ‘‘जोखिम भरा अभियान’’ शुरू किया।
बल के अधिकारियों ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जवान के साथ क्रूरता की घटना संभवत: पहली है और सरकार, विदेश मंत्रालय एवं सीमा अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) ने इसे ‘‘अत्यंत गंभीरता’’ से लिया है। उन्होंने कहा कि समझा जाता है कि यह मुद्दा पाकिस्तानी समकक्षों के समक्ष भी उठाया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि बीएसएफ के गश्ती दल को मंगलवार की सुबह मैदान में लगी ‘‘सरकंडे’’ की लंबी लंबी घास काटने के लिए बाड़ के आगे जाना पड़ा था। दल पर पहली बार सुबह 10 बज कर करीब 40 मिनट पर गोली चलाई गई। उन्होंने बताया कि बीएसएफ के जवान को पहले लापता घोषित कर दिया गया था। उसके शव का पता लगाने के लिए दिन भर भारतीय पक्ष की ओर से सीमा के दूसरी ओर फोन करने एवं संवाद के आदान-प्रदान करने का सिलसिला चलता रहा।