नयी दिल्ली: राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने सीमा पार बैठे अपने आकाओं के निर्देश पर भारत में विभिन्न स्थानों पर आतंकी हमले करने की साजिश रचने के जुर्म में लश्कर- ए-तैयबा के पाकिस्तानी आतंकवादी को शुक्रवार को सात साल के कठोर कारावास की सज़ा सुनाई।
एनआईए के एक अधिकारी ने बताया कि कराची के रहने वाले मोहम्मद आमिर को गैर कानून गतिविधि (रोकथास) कानून, शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, विदेशी अधिनियम, भारतीय वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत सजा सुनाई गई है।
अधिकारी ने बताया कि आमिर ने तीन अन्य लोगों के साथ सीमा पार स्थित अपने आकाओं के निर्देश पर भारत के विभिन्न स्थानों पर आतंकी हमले करने के इरादे से हथियारों, गोला-बारूद और अन्य युद्ध करने के सामान के साथ पाकिस्तान से भारत में घुसपैठ की थी। उन्होंने बताया कि उसे नवंबर 2017 में जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा के मगम से गिरफ्तार किया गया था, जबकि उसके तीन साथियों को उसी महीने सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया था।
एनआईए ने मई 2018 में आमिर के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। जांच के दौरान रिकॉर्ड पर लाए गए सबूतों पर विचार करने के बाद, दिल्ली के पटियाला हाउस में स्थित एनआईए की विशेष अदालत ने उसे छह अप्रैल को दोषी ठहराया था। अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को सजा का ऐलान करते हुए आमिर को सात अलग-अलग अपराधों के लिए दो से सात साल के कठोर कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई गई।
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