नयी दिल्ली: अपना नाम वैश्विक आतंकवादियों की सूची से हटाने की जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद की याचिका के संयुक्त राष्ट्र में खारिज होने से जुड़ी जानकारी के सार्वजनिक होने से चिढ़े पाकिस्तान ने वैश्विक निकाय से इस बात की जांच का अनुरोध किया है कि भारतीय समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) को यह जानकारी कैसे मिली। यह उन दुर्लभ मौकों में से एक है जब किसी देश ने वैश्विक निकाय के घटनाक्रम के प्रकाशन की जांच के लिये संयुक्त राष्ट्र को लिखा है।
सरकार के एक सूत्र ने यहां कहा, “संयुक्त राष्ट्र को पिछले हफ्ते लिखे एक खत में संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी राजदूत मलीहा लोधी ने यह पता लगाने के लिये जांच की मांग की है कि 15 सदस्यीय समिति में से किसने भारत की ‘सरकारी समाचार एजेंसी’ को संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक आतंकवादी की सूची से हटाने की हाफिज सईद की याचिका खारिज होने की जानकारी दी।” लोधी ने प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया को गलती से ‘‘सरकारी समाचार एजेंसी’’ बताया और पीटीआई के समाचार की क्लीपिंग भी संलग्न की। लोधी खुद भी पत्रकार रही हैं।
संवाद समिति पीटीआई ने सात मार्च को अपनी खबर में बताया था कि संयुक्त राष्ट्र ने 2008 के मुंबई हमलों के सरगना का नाम प्रतिबंधित आतंकवादियों की सूची से हटाने की अपील खारिज कर दी है। सूत्रों ने पीटीआई को बताया था कि भारत ने सईद की गतिविधियों से संबंधित “बेहद गोपनीय सूचनाओं” समेत विस्तृत साक्ष्य साझा किया था जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र का यह फैसला आया था।
पाकिस्तान के कदम पर प्रतिक्रिया करते हुए अधिकारियों ने कहा कि यह कदम भारतीय मीडिया द्वारा पाकिस्तान स्थित आतंकवाद के अनवरत कवरेज पर अंकुश लगाने का प्रयास है। इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा, “लोधी ने पीटीआई की खबर की सच्चाई पर सवाल नहीं उठाए हैं बल्कि प्रतिबंध जारी रखने के बारे में सूचना के प्रवाह को बाधित करने की मांग की है और इच्छा जताई है कि भविष्य में ऐसी सूचनाओं को सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए।” सूत्रों ने कहा कि लोधी के अनुरोध को कोई समर्थन नहीं मिला है।
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