नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ पर हुए आतंकी हमले में अब एक नई बात सामने आ रही है। इंडिया टुडे के मुताबिक हमले से एक हफ्ते पहले ख़ुद जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर ने खुद कबूल था कि पुलवामा में जैश के आतंकी मौजूद हैं। पेशावर में फोन पर रैली को संबोधित करने के दौरान, जैश के सरगना मसूद अजहर ने फिदायीनों के बलिदान और पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद की उपस्थिति के बारे में बताया था। वह जिहाद के बारे में भी बोलता है।
उसने यह भी कहा कि यदि आप Google पर पुलवामा की एक लड़की का नाम लिखते हैं तो आप कश्मीर के पुलवामा में जैश की मजबूत उपस्थिति देखेंगे। कश्मीर के गांवों में जैश के झंडे और जैश प्रमुख के चित्र देखेंगे। इस बयान के ठीक 9 दिन बाद पुलवामा में जैश द्वारा आत्मघाती हमला किया गया।
अजहर ने पाक पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच इस रैली का आयोजन किया था। अजहर की रैली की एक रिकॉर्डिंग रिलीज की गई है और इस रिकॉर्डिंग में साफ नजर आ रहा है कि पाकिस्तान की अथॉरिटीज के जवान जो यूनिफॉर्म में हैं, वे किस तरह से इस आतंकी की सुरक्षा में मुस्तैद हैं। इस नए खुलासे से पाक पीएम इमरान खान का झूठ भी सामने आ गया है।
हमले के बारे में बात करते हुए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे पाकिस्तान को कुछ हासिल नहीं होने वाला था, ऐसे में वह क्यों इस तरह की हरकत करता? साथ ही अपने देश को आतंकवाद का एक बड़ा शिकार बताते हुए इमरान ने कहा कि भारत ने बगैर किसी सबूत के पाकिस्तान के ऊपर आरोप लगाए हैं।
इमरान ने कहा कि पुलवामा हमले में पाकिस्तान का कोई भी शख्स दोषी पाया जाता है तो हम कार्रवाई के लिए तैयार हैं। उन्होंने कह कि भारत हमेशा आतंकवाद पर बातचीत करने को कहता है, हम आतंकवाद पर बातचीत करने को तैयार हैं।
बता दें कि 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमलों में CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे। इन हमलों की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। इन हमलों के मास्टरमाइंड अब्दुल रशीद गाजी को भारतीय सुरक्षाबलों ने सोमवार को एक मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। उसके साथ 2 और आतंकी मारे गए थे जिनमें पाकिस्तान निवासी कामरान भी शामिल था। कामरान जैश-ए-मोहम्मद का एक टॉप कमांडर था। हालांकि इस ऑपरेशन में भारतीय सेना के एक मेजर समेत कुल 5 सैनिक शहीद हो गए थे।
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