नई दिल्ली: दिल्ली के कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर अकेले राजनेता नहीं हैं, जिन्हें फर्जी डिग्री रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। वैश्विक स्तर पर देखें तो राजनेताओं की फर्जी डिग्री के मामले में पाकिस्तान शायद पहले नंबर पर होगा।
मार्च 2013 में पाकिस्तान उच्च शिक्षा आयोग ने देश के चुनाव आयोग को संसद और प्रांतीय विधानसभाओं के 54 पूर्व सदस्यों के नामों की सूची सौंपी थी, जिनकी डिग्रियां फर्जी थीं। उच्च शिक्षा आयोग ने करीब 180 सदस्यों के नाम भी दिए थे जिन्होंने अपनी मैट्रिक या इंटरमीडियट के प्रमाण पत्र चुनाव आयोग को नहीं सौंपे थे।
पांच साल पहले पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने देश के चुनाव आयोग को करीब 1,100 नेताओं की डिग्री की जांच करने के आदेश दिए थे। इनमें संसद और प्रांतीय विधानसभाओं, दोनों के सदस्य शामिल थे। यह आदेश ऐसे समय दिया गया था जब कम से कम एक दर्जन नेताओं को अपनी डिग्री के संबंध में धोखा देते पाया गया था।
मामला इतना गंभीर साबित हुआ कि कम से कम छह नेताओं को इस्तीफा देना पड़ा, जबकि करीब एक दर्जन नेताओं को अपदस्थ कर दिया गया। अधिकारियों ने फर्जी होने के शक के बाद 160 राजनीतिकों की डिग्रियों पर पहले ही सवाल उठाए थे। अन्य 850 नेताओं की डिग्रियां सत्यापित करने के लिए देश और विदेश के विश्वविद्यालयों को भेजी गई थीं।
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