नयी दिल्ली: भारत ने इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को कथित तौर पर परेशान करने और उस देश में भारतीय सिख श्रद्धालुओं को यात्रा की अनुमति से इंकार करने पर शुक्रवार को पाकिस्तान के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत ने उन खबरों पर गहरी चिंता व्यक्त की है जिसमें भारतीय तीर्थयात्रियों की पाकिस्तान यात्रा के दौरान साम्प्रदायिक वैमनस्य और असहिष्णुता को उकसाने और पृथकतावाद को बढ़ावा देने की बात सामने आई है, जिसका मकसद भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को कमतर करने का प्रयास है।
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि उसने पाकिस्तान से कहा है कि 1972 के शिमला समझौते और 1999 के लाहौर घोषणापत्र की भावना के अनुरूप वह ऐसे सभी उपाए करे ताकि उसके क्षेत्र में भारत के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार और पृथकतावादी प्रवृतियों को रोका जा सके। बयान में कहा गया है कि भारतीय उच्चायोग के राजनयिक अधिकारियों को परेशान किया गया और उन्हें 21 एवं 22 नवंबर को गुरुद्वारा ननकाना साहब और गुरुद्वारा सच्चा सौदा में भारतीय श्रद्धालुओं से मिलने की अनुमति नहीं दी गई।
बयान के अनुसार पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय से पूर्व में यात्रा अनुमति मिलने के बावजूद उन्हें वहां जाने नहीं दिया गया। ऐसी खबरें आई हैं कि भारतीय तीर्थयात्रियों की पाकिस्तान यात्रा के दौरान खालिस्तान समर्थक बैनर दिखाए गए थे। भारत की ओर से इस घटनाक्रम को लेकर पाकिस्तान के समक्ष यह विरोध ऐसे समय में दर्ज कराया गया है जब एक दिन पहले ही दोनों देशों ने अपने अपने क्षेत्र में सीमा के पार एक कारिडोर विकसित करने पर सहमति व्यक्त की थी जो पाकिस्तान के करतारपुर में सिखों के ऐतिहासिक पवित्र तीर्थस्थाल को जोड़ता हो।
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