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Hindi News भारत राष्ट्रीय 1965 युद्ध की स्वर्ण जयंती: पाकिस्तान ने युद्ध में क्या खोया

1965 युद्ध की स्वर्ण जयंती: पाकिस्तान ने युद्ध में क्या खोया

नई दिल्ली: पाकिस्तान के साथ साल 1965 के युद्ध में मिली जीत की स्वर्ण जयंती के अवसर पर नई दिल्ली के चेम्सफोर्ड क्लब में शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए आज एक खास आयोजन रखा



युद्ध का प्लान जुल्फिकार अली भुट्टो का था-
उन्होंने बताया कि कश्मीर में हमले का प्लान जुल्फिकार अली भुट्टों का था क्योंकि उन्होंने अपनी सेना को बता रखा था कि लाल बहादुर शास्त्री कमजोर आदमी हैं और वो पलटवार का साहस नहीं रखते हैं इसलिए वो जवाबी हमले का आदेश नहीं दे पाएंगे। लेकिन उनका ये अनुमान गलत निकला। भारतीय सेना लाहौर तक पहुंच गई थी और पाकिस्तानी सेना ने दम तोड़ दिया। उस वक्त टाइम मैग्जीन ने भी भारत पाकिस्तान के इस युद्ध को पहले पन्ने पर जगह दी थी। 

इस युद्ध के सबसे बड़े हीरो-
साल 1965 में करीब 22 दिन चले इस युद्ध के असली हीरो दो लोग थे जिनमें पहला नाम लाल बहादुर शास्त्री का है जो उस वक्त देश के प्रधानमंत्री थे और दूसरा नाम हरबक्श सिंह का है जो एक सीनियर आर्मी ऑफिसर थे।

युद्ध के आधिकारिक आंकड़े-
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक भारत ने पाकिस्तान की सीमा में करीब 1920 वर्ग किलोमीटर का हिस्सा कब्जा लिया था। इस युद्ध में भारत के 2,862 सैनिक शहीद हुए थे जबकि पाकिस्तान के 5,800 सैनिक मारे गए। इस आधिकारिक आंकड़े के बारे में तात्कालीन गृह मंत्री वाईबी चह्वाण ने राज्यसभा में बताया था। 

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