जम्मू: जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले में पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए संघर्ष विराम उल्लंघन में सीमा सुरक्षा बल ( बीएसएफ ) के एक जवान की मौत हो गई है। बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज यह जानकारी दी है। सीमा पार से संघर्ष विराम उल्लंघन की यह घटना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रदेश की यात्रा से मात्र चार दिन पहले हुई है। इस गोलीबारी के साथ ही अंतरराष्ट्रीय सीमा पर महीनों की शांति भी समाप्त हो गई। यहां पर इस साल के शुरुआत में पाकिस्तानी सैनिकों ने भारी गोलीबारी और गोलाबारी की थी। अधिकारी ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि पाकिस्तानी सैनिकों ने मंगुचक इलाके में स्थित अग्रिम चौकियों पर कल रात करीब 11 बजकर 30 मिनट पर बिना उकसावे के अंधाधुंध गोलीबारी की। (4 दिन पहले 28 मई को केरल तट से टकराएगा मानसून-स्काईमेट )
उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सीमा की रखवाली कर रहे जवानों ने प्रभावी तरीके से उन्हें जवाब दिया। उन्होंने कहा कि दोनों ओर से एक घंटे तक भारी गोलीबारी होती रही , जिसमें कांस्टेबल देवेंद्र सिंह को गोली लग गई। उनकी चौकी में एक छेद था जिस वजह से उन्हें गोली लगी। अधिकारी ने बताया कि उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया , लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। उन्होंने बताया कि अंतिम रिपोर्ट प्राप्त होने तक दोनों ओर से रूक - रूक कर गोलीबारी होती रही। गौरतलब है कि करीब 24 घंटे पहले ही बीएसएफ ने कठुआ जिले के नजदीक हीरानगर सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पांच व्यक्तियों की संदिग्ध गतिविधि देखी थी। इन लोगों के बारे में माना जाता है कि वे आतंकवादी हैं और भारत में प्रवेश की कोशिश कर रहे थे। इसके बाद व्यापक खोज अभियान चलाया गया और जम्मू में हाई अलर्ट घोषित किया गया।
अधिकारी ने बताया कि सेना ने तलाशी अभियान के दौरान हेलीकॉप्टर को भी लगाया है। यह अभियान आज दूसरे दिन में प्रवेश कर गया है। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तानी गोलाबारी की 700 से ज्यादा घटनाओं में सिंह की मौत के साथ ही मरने वालों की संख्या 33 हो गई है , जो इस साल सबसे ज्यादा है। मृतकों में 17 सुरक्षा कर्मी शामिल हैं। प्रधानमंत्री को 19 मई को जम्मू कश्मीर में आना है।
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