नयी दिल्ली: Supreme Court ने फिल्म 'पद्मावत' की रिलीज पर प्रतिबंध के गुजरात, राजस्थान और हरियाणा की सरकारों के आदेश पर गुरुवार को रोक लगा दी। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविल्कर और न्यायमूर्ति डी. वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने तीन राज्यों द्वारा विवादास्पद फिल्म की रिलीज पर लगाए प्रतिबंध की 'अधिसूचना और आदेश' पर रोक लगाते हुए कहा कि अन्य राज्य भी फिल्म की स्क्रीनिंग पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी नहीं करेंगे। अपने पूर्व फैसले का जिक्र करते हुए अदालत ने कहा कि कानून और व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है। अदालत ने यह फैसला फिल्म के निर्माताओं - भंसाली प्रोडक्शन्स और वायाकॉम 18 मोशन पिक्चर्स की याचिका पर सुनाया है। निर्माताओं ने गुजरात, राजस्थान और हरियाणा सरकार द्वारा फिल्म की स्क्रीनिंग पर लगाए प्रतिबंध को चुनौती दी थी।
हरियाणा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड राज्य की सरकारों ने घोषणा कर रखी है कि वे इस फिल्म के प्रदर्शन की अनुमति नहीं देंगे। इस फिल्म् में दीपिका के साथ ही शाहिद कपूर और रणवीर सिंह ने भी अभिनय किया है। याचिका में कहा गया है कि इस फिल्म को केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने मंजूरी दे दी है और इसिलए राज्य इसके प्रदर्शन पर ऐसा प्रतिबंध नहीं लगा सकते हैं। याचिका के अनुसार कानून व्यवस्था की समस्या होने पर ऐसे क्षेत्रों में फिल्म का प्रदर्शन निलंबित किया जा सकता है।
इससे पहले, दो मौकों पर शीर्ष अदालत ने फिल्म् के प्रदर्शन पर रोक लगाने के प्रयास विफल कर दिये थे। न्यायालय ने कहा था कि सेन्सर बोर्ड के निर्णय से पहले फिल्म के बारे में कोई राय नहीं बनायी जा सकती है। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 28 नवंबर को इस फिल्म् को लेकर कुछ राजनीतिकों की टिप्पणियों पर अप्रसन्नता व्यक्त की थी और उनसे इस पर प्रतिक्रया व्यक्त करने से गुरेज करने के लिये कहा था। यह फिल्म 13वीं सदी में मेवाड के महाराजा रतन सिंह और उनकी सेना तथा दिल्ली के सुलतान अलाउद्दीन खिलजी के बीच हुये ऐतिहासिक युद्ध पर आधारित है। इस फिल्म के सेट पर दो बार जयपुर और कोल्हापुर में तोडफोड की गयी और इसके निदेशक संजय लीला भंसाली के साथ करणी सेना के लोगों ने हाथापाई भी की थी।
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