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Hindi News भारत राष्ट्रीय मोदी सरकार के शासन में अर्थव्यवस्था मंदी के विनाशकारी दौर में पहुंची: पी चिदंबरम

मोदी सरकार के शासन में अर्थव्यवस्था मंदी के विनाशकारी दौर में पहुंची: पी चिदंबरम

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘नौकरी विनाश पीएम’ बताया। उन्होंने कहा कि आर्थिक आंकड़े बता रहे हैं कि मोदी सरकार के शासनकाल में भारतीय अर्थव्यवस्था ‘‘मंदी के विनाशकारी दौर’’ में पहुंच चुकी है।

P Chidambaram- India TV Hindi Image Source : PTI Congress leader P Chidambaram addresses a press conference at AICC headquarters in New Delhi.

नई दिल्ली: वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘नौकरी विनाश पीएम’ बताया। उन्होंने कहा कि आर्थिक आंकड़े बता रहे हैं कि मोदी सरकार के शासनकाल में भारतीय अर्थव्यवस्था ‘‘मंदी के विनाशकारी दौर’’ में पहुंच चुकी है। उन्होंने अर्थव्यवस्था की इस दुर्दशा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली की जुगलबंदी को जिम्मेदार ठहराया। 

उन्होंने दावा किया कि 2018 में भारत में 1.1 करोड़ रोजगार का नुकसान हुआ। नोटबंदी और जीएसटी जैसे तुगलकी फरमानों की वजह से रोजगार का नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट देश की आर्थिक स्थिति को स्पष्ट करती है। पी चिदंबरम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि नई सरकार को अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी। केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान पहुंचाया है।

उन्होंने कहा कि हर रोज मोदी ओछी भाषा में बड़ी बड़ी-बातें करते हैं और वित्त मंत्री ब्लॉग के जरिए उसे तर्कसंगत बनाने का कमजोर प्रयास करते हैं। शब्दाडंबर और ब्लागिंग के बीच यह सरकार अर्थव्यवस्था को भूल बैठी है। केंद्र में आने वाली नई सरकार के लिए अर्थव्यवस्था के हालात सुधारने का बड़ा काम होगा। कांग्रेस पार्टी मोदी-जेटली के कब्जे से अर्थव्यवस्था को बाहर निकलने के लिए तैयार बैठी है।

पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था विनाशकारी दौर में पहुंच चुकी है और मार्च, 2019 की वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट ने भाजपा सरकार के झूठे आडंबर को सबके सामने बेनकाब कर दिया है। उन्होंने कहा कि एनएसएसओ के खुलासे ने केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आर्थिक वृद्धि के आंकड़ों का पर्दाफाश कर दिया है। इससे पता चलता है कि सरकार अब तक फर्जी आंकड़े इस्तेमाल करती रही है। उन्होंने कहा कि ‘‘सीएसओ के वृद्धि के आंकड़े बनावटी है। सीएसओ का इस प्रकार झूठे आंकड़ों को जारी करना घोटाले की तरह है, इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए।’’

चिदंबरम ने आरोप लगाया कि इस मामले में राजनीतिक नेतृत्व ने हस्तक्षेप किया और सीएसओ और एनएसएसओ को धमकाया है। उन्होंने कहा कि मोदी कितना ही अर्थव्यवस्था से ध्यान हटाने का प्रयास कर लें अंतत: जनता उन्हीं मुद्दों को लेकर अपना मत देगी जो कि उसकी दैनिक जीवन पर असर डालते हैं। रोजगार, बुनियादी सुविधाओं, निवेश, किसानों की परेशानी और कर्ज, एमएसएमई के ध्वस्त होने और आय नहीं बढ़ने जैसे कई मुद्दे हैं जिनको लेकर जनता मतदान करेगी।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी-जेटली की जुगलबंदी के तहत भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी के विनाशकारी दौर में पहुंच चुकी है। वास्तविक जीडीपी की तिमाही वृद्धि में लगातार आती गिरावट से इसका साफ संकेत दिखाई देता है। उन्होंने दावा किया कि कर राजस्व में 1.6 लाख करोड़ रुपये की कमी से वास्तव में राजकोषीय घाटा बढ़कर 3.9 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा और इससे अर्थव्यवस्था की मंदी और बढ़ने की आशंका है।

चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस के सत्ता में आते ही वह अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को फिर से दुरुस्त करने के लिए कदम उठाएगी और उनका समाधान तलाशेगी। कांग्रेस बैंकों को भी मजबूत बनाएगी। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री आंकडों को छुपाने और हेराफेरी करके सूचनाएं उपलब्ध कराने में माहिर हो गए हैं।

पूर्व वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री को ‘‘नौकरी विनाश करने वाला प्रधानमंत्री बताया।’’ उन्होंने दावा किया कि 2018 में भारत ने 1.1 करोड़ नौकरियां गंवाई। उन्होंने कहा कि मोदी पहले प्रधानमंत्री होंगे जिनको नौकरियां समाप्त करने वाले प्रधानमंत्री के तौर जाना जाएगा। उनके दो तुगलकी फरमानों नोटबंदी और गब्बर सिंह टैक्स (माल एवं सेवाकर ... जीएसटी) की वजह से अर्थव्यवस्था की यह स्थिति हुई है। 

उन्होंने कहा कि एनएसएसओ की लीक हुई सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में बेरोजगारी की दर 45 साल में सबसे ऊंची 6.1 प्रतिशत पर पहुंच गई। सरकार की रोजगार और अर्थव्यवस्था पर हुई सर्जिकल स्ट्राइक का सबसे बुरा असर देश के युवाओं पर पड़ा।

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