नयी दिल्ली। अस्पतालों में जीवनरक्षक गैस की कमी के बीच दिल्ली-एनसीआर में नेक आदमी और सामाजिक संगठन आगे आए हैं जो कोविड रोगियों के लिए ‘ऑक्सीजन लंगर’ खोल रहे हैं तथा उनके उपचार के वास्ते ‘प्राणवायु सिलेंडरों’ को नि:शुल्क भर रहे हैं। राष्ट्रीय राजधानी में ऑक्सीजन की कमी को लेकर गंभीर संकट की स्थिति पैदा होने के बीच अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में पिछले 24 घंटे में गंभीर रूप से बीमार 25 कोविड मरीजों की मौत हो गई तथा ऐसे 60 और मरीजों की जान भी खतरे में है।
मायापुरी ट्रेडिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष इंदरजीत सिंह मोंटी ने कहा, ‘‘हम पिछले पांच दिन से मायापुरी संयंत्र से ऑक्सीजन की नि:शुल्क आपूर्ति कर अस्पतालों और लोगों की मदद कर रहे हैं। हर रोज 500-600 से अधिक लोग ऑक्सीजन सिलेंडर भरवाने यहां आते हैं। कोई भी व्यक्ति ऑक्सीजन की आवश्यकता वाले अपने परिजन के लिए सिलेंडर भरवाने यहां आ सकता है।’’ संयंत्र के मालिक अभिषेक गुप्ता की इस पहल को प्रशासन और दिल्ली पुलिस से हर तरह का सहयोग मिल रहा है जिन्होंने पश्चिमी दिल्ली स्थित कई निजी अस्पतालों तथा कुछ मामलों में रोगियों के घरों तक प्राणवायु पहुंचाने में मदद की है। जारी संकट को ध्यान में रखते हुए 24 घंटे काम कर रहे संयंत्र की क्षमता हर रोज 1,500 ऑक्सीजन सिलेंडर भरने की है।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के भी सदस्य मोंटी ने कहा, ‘‘समूची पहल का पूरा खर्च अभिषेक गुप्ता द्वारा वहन किया जा रहा है। उन्होंने हमसे केवल जमीन पर चीजों के प्रबंधन में मदद करने और यह देखने को कहा है कि लोगों की मांग आसानी से पूरी हो। वह धन को लेकर चिंतित नहीं है और शहर तथा देश के समक्ष उत्पन्न सबसे भीषण स्वास्थ्य संकट में किसी भी तरह लोगों की मदद करना चाहते हैं।’’ कई प्रयासों के बाद भी गुप्ता से संपर्क नहीं हो पाया।
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वहीं, महामारी के इस समय में गाजियाबाद के इंदिरापुरम स्थित एक गुरुद्वारा भी ‘संकटमोचक’ बनकर सामने आया है। इसने कोविड रोगियों के लिए ‘ऑक्सीजन लंगर’ खोला है और इसने बीमार लोगों को अस्पताल में बिस्तर मिलने तक अपने परिसर में ऑक्सीजन आपूर्ति का वादा किया है। वायरल हुए एक वीडियो में गुरुद्वारे की पहल के बारे में लोगों को सूचित कर रहे गुरप्रीत सिंह ने कहा, ‘‘हम ऑक्सीजन सिलेंडर देने या भरने का काम नहीं कर रहे। लोगों से हम कह रहे हैं कि वे वाहन में अपने मरीज के साथ इंदिरापुरम गुरुद्वारे में आएं और हम उन्हें ऑक्सीजन उपलब्ध कराएंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दो घंटे की बात हो, चार या आठ घंटे की बात हो, मरीज को हम तब तक ऑक्सीजन उपलब्ध कराएंगे जब तक कि उसे अस्पताल में बिस्तर नहीं मिल जाता।’’
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