नयी दिल्ली: देश में कोविड-19 के संक्रमण के बाद से 73.5 लाख से ज्यादा नमूनों की जांच की गयी है और मंगलवार को एक दिन में सबसे ज्यादा 2.5 लाख जांच की गयी। आईसीएमआर के अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। एक अधिकारी ने बताया कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने देश में कोविड-19 की जांच के लिए अब तक 1,000 प्रयोगशालाओं को अनुमति दी है। वर्तमान में प्रतिदिन तीन लाख नमूनों की जांच हो सकती है।
आईसीएमआर ने बताया, ‘‘23 जून तक कुल 73,52,911 नमूनों की जांच की गई जिनमें से 2,15,195 नमूनों की जांच मंगलवार को की गई।’’ केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि मंगलवार को की गई 2,15,195 नमूनों की जांच में से 1,71,587 नमूनों की जांच सरकारी प्रयोगशालाओं में की गई जबकि 43,608 की जांच निजी प्रयोगशालाओं में की गई। जांच के लिए कुल 1,000 प्रयोगशाला में 730 सरकारी हैं और 270 निजी क्षेत्र की हैं । इसमें आरटी-पीसीआर लैब (557), ट्रूनेट लैब (363) और सीबीएनएएटी लैब (80) भी शामिल हैं।
आईसीएमआर ने मंगलवार को जारी परामर्श में कहा, ‘‘इतनी कवायद के बावजूद भारत जैसे बड़े देश में जांच तक पहुंच एक बड़ी चुनौती है। त्वरित जांच के लिए परीक्षण की क्षमता को बढ़ाने की जरूरत है। ’’ कुछ खास स्थिति में एंटीबॉडी टेस्ट के साथ सीरोसर्वे जांच भी की जाती है। इसके मद्देनजर देश के विभिन्न भागों में जांच की उपलब्धता बढ़ाने के लिए अन्य जांच पद्धति को शामिल करने का सुझाव दिया गया है। कोविड-19 की जांच के लिए आरटी-पीसीआर सबसे मानक परीक्षण है और नतीजे मिलने में चार-पांच घंटे लगते हैं। आईसीएमआर ने हाल में कोरोना वायरस संक्रमण के लिए रैपिड एंटीजेन जांच के इस्तेमाल को भी मंजूरी दी है। इससे 30 मिनट में जांच के नतीजे आ जाते हैं।
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