नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन में रविवार को कहा कि हमारा ध्यान महामारी से नागरिकों और अर्थव्यवस्था को बचाने पर, जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई पर ध्यान देना भी उतना ही जरूरी है। ग्रह को सुरक्षित रखने पर जी20 कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से जंग अलग-थलग होकर नहीं, बल्कि एकीकृत व समग्र रूप से लड़ी जानी चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने कम कार्बन और जलवायु अनुकूल विकास प्रक्रियाओं को अपनाया है। भारत न सिर्फ पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा कर रहा है बल्कि उनसे आगे बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जमीन को फिर से उपयोग में लाना है, हम पुनर्सर्जक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले शनिवार को भी जी20 सम्मेलन को संबोधित किया था। उन्होनें कहा था कि जी20 में सार्थक चर्चा हुई, विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के समन्वित प्रयासों से महामारी से जल्द उबरने में मदद मिलेगी। मोदी ने समूह-20 में कोविड-19 महामारी को मानवता के इतिहास में बदलाव का अहम बिंदू करार देते हुए इसे द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद दुनिया के सामने आई सबसे बड़ी चुनौती बताया।
पीएम मोदी कहा कि हमने समूह-20 के कुशल कामकाज के लिए डिजिटल सुविधाओं को और विकसित करने की खातिर आईटी के क्षेत्र में भारत की विशषेज्ञता की पेशकश की। उन्होनें कहा कि पृथ्वी के प्रति संरक्षण की भावना हमें स्वस्थ व समग्र जीवनशैली के लिये प्रेरित करेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोविड के बाद ‘कहीं से भी काम’ दुनिया में नयी सामान्य बात होगी, जी20 के डिजिटल सचिवालय के गठन का सुझाव भी दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने सऊदी अरब को इस वर्ष जी 20 की सफल अध्यक्षता के लिए बधाई दी थी। पीएम ने कोरोना वायरस के बाद विश्व के लिए एक नए वैश्विक सूचकांक का आह्वान किया था जिसमें चार प्रमुख तत्व शामिल हैं - एक विशाल प्रतिभा का निर्माण, यह सुनिश्चित करना कि प्रौद्योगिकी समाज के सभी वर्गों तक पहुंचे, शासन की प्रणालियों में पारदर्शिता और ट्रस्टीशिप की भावना के साथ धरती माता के साथ व्यवहार करना इसमें शामिल है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके आधार पर G20 एक नई दुनिया की नींव रख सकता है।
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