A
Hindi News भारत राष्ट्रीय ओडिशा: हाई कोर्ट ने भद्रक में पुराने रास्ते से रामनवमी का जुलूस निकालने की अनुमति दी

ओडिशा: हाई कोर्ट ने भद्रक में पुराने रास्ते से रामनवमी का जुलूस निकालने की अनुमति दी

हाई कोर्ट ने भद्रक के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक समेत राज्य सरकार तथा जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि इस पावन अवसर पर यह सुनिश्चित करें कि कोई सांप्रदायिक तनाव या दंगा ना हो...

Representational Image | PTI- India TV Hindi Representational Image | PTI

कटक: ओडिशा हाई कोर्ट ने भद्रक की श्रीराम महायज्ञ समिति को रामनवमी के लिए अनुष्ठान करने और साल 2017 की तरह उसी तरीके तथा उसी मार्ग से कलश शोभायात्रा एवं जुलूस निकालने की अनुमति देने के निर्देश दिए हैं। हाई कोर्ट ने भद्रक के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक समेत राज्य सरकार तथा जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि इस पावन अवसर पर जुलूस और अन्य संबंधित विधि विधानों के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाएं तथा यह सुनिश्चित करें कि कोई सांप्रदायिक तनाव या दंगा ना हो।

चीफ जस्टिस विनीत सरन और जस्टिस बी. आर. सारंगी की खंडपीठ ने ये निर्देश दिए। अतिरिक्त सरकारी अधिवक्ता ने प्रतिवादियों को तुरंत इसकी सूचना दी। रिपोर्टों के अनुसार, भद्रक में लागू किए गए निषेधात्मक आदेशों में दोपहर को 6 घंटे की छूट दी गई और शुक्रवार को शांतिपूर्ण तरीके से कलश शोभायात्रा निकाली गई। इससे पहले, समिति के महासचिव मानस मोहंती ने याचिका दायरकर यह मांग की थी कि उसी मार्ग से जुलूस निकालने तथा रामनवमी के अन्य अनुष्ठानों को करने की अनुमति देने के लिए राज्य सरकार को निर्देश दिए जाएं। हाई कोर्ट की एकल पीठ ने इस साल 15 मार्च को याचिका खारिज कर दी थी।

इस आदेश को चुनौती देते हुए वरिष्ठ वकील पीताम्बर आचार्य ने खंडपीठ का रुख किया और यह दलील दी कि 15 मार्च का आदेश गलत तथ्यों पर आधारित था। आचार्य ने अदालत को बताया कि बीते साल रामनवमी के जुलूस के दौरान भद्रक में कोई साम्प्रदायिक हिंसा नहीं हुई। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन द्वारा इस साल लागू किए गए प्रतिबंध पूरी तरह ‘अनुचित’ हैं। उन्होंने दलील दी कि ऐसी धार्मिक यात्राओं पर रोक लगाना या उनके मार्ग बदलना राज्य सरकार का गलत प्रशासनिक फैसला है। इस इलाके में पिछले कई वर्षों से यह धार्मिक यात्रा निकाली जाती रही है।

Latest India News