मुंबई: मुंबई की एक अदालत ने वीर सावरकर को कथित रूप से ‘‘राष्ट्रद्रोही’’ कहने के लिए कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पार्टी के खिलाफ मानहानि की शिकायत की जांच के आदेश दिए हैं। हिंदुत्ववादी विचारक वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने भोइवाड़ा की अदालत में इस संबंध में एक शिकायत दाखिल की थी।
शिकायत में राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी को नामजद किया गया है। आरोप है कि इन सभी ने उनके दादा विनायक दामोदर सावरकर के खिलाफ ट्विटर पर मानहानिजनक टिप्पणी की थी। शिकायत में कहा गया है, ‘‘5, 22 और 23 मार्च, 2016 को कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक ट्विटर एकाउंट पर चित्रों के रूप में चार ट्वीट पोस्ट किए गए, जिनमें सावरकर को राष्ट्रद्रोही बताने वाली कुछ टिप्पणियां भी थीं।’’
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि ट्वीट में यह भी कहा गया कि सावरकर ने ब्रिटिश सरकार से उस समय दया की भीख मांगी थी जब वह अंडमान में सेलुलर जेल में बंद थे और वह ब्रिटिश राज के दास बनना चाहते थे। रंजीत सावरकर ने शिकायत में कहा है कि राहुल गांधी और उनकी पार्टी ने स्वतंत्रता सेनानी के ‘‘नैतिक और बौद्धिक चरित्र को नीचा दिखाने’’की कोशिश की।
अदालत ने नौ जुलाई के अपने आदेश में शिवाजी पार्क पुलिस थाने को इस मामले की जांच करने और रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था। रंजीत सावरकर ने कहा कि उन्हें मंगलवार को ही अदालत के आदेश के बारे में जानकारी मिली है।
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