अटल जयंती पर PM मोदी ने किसानों से किया वादा, विश्वास पर नहीं आने देंगे आंच
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों और सरकार के बीच जारी गतिरोध के लिए इसकी आड़ में राजनीतिक हित साधने वाले लोगों को दोषी ठहराया।
नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों और सरकार के बीच जारी गतिरोध के लिए इसकी आड़ में राजनीतिक हित साधने वाले लोगों को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर चिंताओं की जगह हिंसा के आरोपियों की रिहाई और राजमार्गों को टोल मुक्त बनाने जैसे असंबंद्ध मुद्दे इसमें हावी होने लगे हैं। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की जयंती सुशासन दिवस पर देश के किसानों से वादा किया कि वह उनके विश्वास पर कोई आंच नहीं आने देंगे। उन्होंने कहा कि देश के किसानों ने कृषि सुधारों का भरपूर समर्थन किया है।
देश के विकास में योगदान देने वाले करोड़ों किसानों से मोदी ने कहा, "मैं सभी किसानों का आभार व्यक्त करता हूं। मैं सिर झुकाकर उनको प्रणाम करता हूं कि देश को आगे ले जाने के लिए देश के कोटि-कोटि किसान आज इस निर्णय के साथ खड़े हैं।" उन्होंने कहा, मैं किसान भाइयों को भरोसा दिलाता हूं कि आपके विश्वास पर हम कोई आंच नहीं आने देंगे।
अटल जयंती पर आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान मोदी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की 7वीं किस्त के तौर पर योजना के नौ करोड़ से ज्यादा लाभार्थियों को 18,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि उनके बैंक खाते में एक साथ बटन दबाकर ट्रांसफर किया। उन्होंने बताया कि इस स्कीम के तहत अब तक 1 लाख 10 हजार करोड़ रुपये किसानों के बैंक खाते में जा चुके हैं।
मोदी ने इस मौके पर कहा कि देश किसान किसी के बहकावे में नहीं आएंगे। प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों पर किसानों को उकसाने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश में जब उनकी सरकार थी तब स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को दबाकर रखा गया, लेकिन उन्होंने उसे लागू किया और रिपोर्ट में की गई सिफारिश के अनुसार एमएसपी में बढ़ोतरी की गई।
इससे पहले कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि, "आज सुशासन की ²ष्टि से बहुत बड़ा काम हो रहा है। अटल जी सुशासन व पारदर्शिता के पक्षधर थे, सारा देश व दुनिया इसे देख रही है। न कोई बिचैलिया है, ना ही कोई दलाल है। एक समय था जब देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री कहा करते थे कि हम 100 रूपए केंद्र से भेजते हैं तो 15 रुपये गांव जाते-जाते बचते हैं, लेकिन आज मोदी जी के नेतृत्व में हम यह दावे के साथ कह सकते हैं कि आज 18 हजार 98 करोड़ रुपए सरकार भेजेगी तो पूरा का पूरा पैसा किसानों के खातों में पहुंचेगा।"
कार्यक्रम में देश के विभिन्न स्थानों से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी सहित अन्य केंद्रीय मंत्री, राज्यों के मुख्यमंत्री व मंत्री, सांसद-विधायक, पंच-सरपंच व अन्य जनप्रतिनिधि तथा करोड़ों किसान कार्यक्रम से वर्चुअल जुड़े हुए थे।
कार्यक्रम में देश के हर विकासखंड व हर पंचायत से किसान व अन्य लोग शामिल हुए। 8 करोड़ से ज्यादा किसानों ने कार्यक्रम से जुड़ने के लिए बकायदा रजिस्ट्रेशन भी कराया था। दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्रालय में कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला व कैलाश चौधरी भी उपस्थित थे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने अरूणाचल प्रदेश, ओडिशा, हरियाणा, तमिलनाडु, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश के किसानों से सीधा संवाद भी किया।