तिरुवनंतपुरम। कांग्रेस नीत विपक्षी यूडीएफ ने विवादास्पद सोना तस्करी मामले को लेकर केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को विधानसभा की कार्यवाही के दौरान घेरा और अध्यक्ष द्वारा मुद्दे पर चर्चा की मांग खारिज किए जाने के बाद सदन से बहिर्गमन किया। मुख्यमंत्री ने हालांकि, शून्यकाल में विपक्ष को जवाब देते हुए कहा कि ‘‘उनके हाथ साफ हैं।’’
प्रश्नकाल के तुरंत बाद यूडीएफ ने विधानसभा अध्यक्ष पी. श्रीरामकृष्णन से सदन की कार्यवाही रोकने और सोने की तस्करी के मुद्दे पर चर्चा कराने का अनुरोध किया क्योंकि विजयन के पूर्व प्रधान सचिव एम. शिवशंकर को गिरफ्तार किए जाने और उनके अपर निजी सचिव सी.एम. रवीन्द्रन के जांच के घेरे में आने के कारण यह मुद्दा बहुत गंभीर हो गया है। विजयन पर निशाना साधते हुए विपक्ष ने कहा कि राज्य के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब मुख्यमंत्री कार्यालय सोना तस्करी जैसे मामले में संदेह के घेरे में आया है और कई केन्द्रीय एजेंसियां एक ही वक्त पर इस मामले की जांच कर रही हैं।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सोना तस्करी मामले के आरोपी ने धोखाधड़ी के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय का दुरुपयोग किया और मुख्यमंत्री इसकी जवाबदेही से नहीं बच सकते हैं। मुख्यमंत्री विजयन ने दावा किया कि वाम मोर्चा सरकार ने सोना तस्करी मामले की जांच की मांग की थी। उन्होंने कहा कि विपक्ष का यह दिवास्वपन कि इस मामले में उन्हें जेल भेजा जाएगा, यह कभी पूरा नहीं होने वाला है।
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