नई दिल्ली: क्या आप यकीन करेंगे कि देश के बड़े अमीरों में शुमार 12 हजार करोड़ रुपए के रेमंड ग्रुप के मालिक विजयपत सिंघानिया जो कभी ब्रिटेन से अकेले प्लेन उड़ाकर भारत आए थे, आज पैदल घूम रहे हैं? 78 साल के अरबपति उद्योगपति जो कभी मुकेश अंबानी के एंटीलिया से भी ऊंचे जेके हाउस में रहते थे आज वो मुंबई की सोसायटी में किराए के मकान में रह रहे हैं। ये बात हैरान करने वाली है लेकिन सच है। ये भी पढ़ें: AAP ने पूरे देश में उड़ने का ख्याल छोड़ा, दिल्ली तक समेटे अपने पंख
सबसे अमीर परिवारों में शुमार सिंघानिया परिवार के मुखिया के वकील ने यह आरोप बांबे हाई कोर्ट में बेटे गौतम पर लगाया है। रेमंड का करीब तीन हजार करोड़ रुपये का कारोबार है। वकील के जरिये विजयपत सिंघानिया ने आरोप लगाया है कि उनका बेटा गौतम रेमंड लिमिटेड को अपनी व्यक्तिगत जागीर की तरह चला रहा है।
विजयपत इन दिनों दक्षिण मुंबई स्थित ग्रांड पराडी सोसाइटी में किराए के घर में रह रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने बांबे हाई कोर्ट में याचिका दायर कर मालाबार हिल स्थित पुनर्विकसित 36 मंजिला जेके हाउस में डुप्लेक्स का कब्जा मांगा है। इसके बाद बुधवार को सिंघानिया के वकील ने कोर्ट को बताया कि विजयपत किस तरह पैसों की तंगी से गुजर रहे हैं।
जिस घर के मालिकाना हक के लिए याचिका दायर की गई है वह 1960 में बना है। तब यह 14 मंजिला इमारत थी। बाद में इस इमारत के 4 ड्प्लेक्स रेमंड की सब्सिडरी पश्मीना होल्डिंग को दे दिए गए। साल 2007 में कंपनी ने इस इमारत को फिर से बनवाने का फैसला किया। डील के मुताबिक विजयपत सिंघानिया और गौतम, वीना देवी (विजयपत सिंघानिया के भाई अजयपत सिंघानिया की विधवा) और उनके बेटों अनंत और अक्षयपत सिंघानिया को एक-एक डूप्सेक्स मिलना था। इसके लिए उन्हें 9 हजार रुपए वर्ग फीट की दर से कीमत चुकानी थी।
अपार्टमेंट में अपने हिस्से को लेकर वीनादेवी और अनंत ने पहले से ही एक संयुक्त याचिका दायर कर रखी है। अक्षयपत ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक अलग याचिका दायर की है। विजयपत सिंघानिया के वकील दिनयर मेडन ने कोर्ट को बताया कि 78 साल के विजयपत सिंघानिया ने अपनी सारी संपत्ति अपने बेटे के नाम कर दी, लेकिन बेटा अब उनपर ध्यान नहीं दे रहा है। उसने उन्हें बेसहारा छोड़ दिया है।
बांबे हाई कोर्ट में सिंघानिया के वकील दिनयार मेडन ने बताया है कि सिंघानिया ने सारी संपत्ति अपने बेटे के नाम कर दी थी। सिंघानिया ने कंपनी में अपने सारे शेयर अपने बेटे के हिस्से में दे दिए थे। इन शेयरों की कीमत 1000 करोड़ रुपये के करीब थी। अब गौतम ने उन्हें बेसहारा छोड़ दिया है। यहां तक कि उनकी गाड़ी और ड्राइवर भी छीन लिए हैं।
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