हर साल कैलाश मानसरोवर की तीर्थ यात्रा के लिए देश के अलग अलग प्रांतो से यात्री भगवान शिव के दर्शन के लिए जाते है। इसे भगवान शिव का धाम भी माना जाता है। एक पौराणिक कथा के अनुसार भगवान ब्रह्मा जी ने मानसरोवर का निर्माण स्वयं किया था। माता के 51 शक्तिपीठों में से इस स्थान पर माता सती का एक हाथ गिरा था। जिसके बाद यहाँ पवित्र सरोवर बना है। कैलाश मानसरोवर 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। यह भारत के साथ ही नेपाल और चीन के तिब्बत से भी लगा हुआ है। इसकी यात्रा जोखिम भरी और दुर्गम है। कई बार यात्रियों के साथ यहाँ हादसे पेश आते रहते है,किन्तु इसे श्रद्धालु भगवान शिव की महिमा मानते हुए अपनी यात्रा जारी रखते है।
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