श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज कहा कि पुलिस ने आरुषि-हेमराज हत्याकांड की जांच को पूरी तरह बिगाड़ कर रख दिया।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरुषि तलवार और उसके घरेलू सहायक हेमराज की 2008 में हुई हत्या के मामले में आज आरुषि के माता-पिता राजेश और नूपुर तलवार को बरी कर दिया। कोर्ट ने राजेश और नूपुर को बरी करते हुए कहा कि रिकॉर्ड पर लाए गए साक्ष्य के आधार पर उन्हें दोषी करार नहीं दिया जा सकता।
कई ट्वीट कर उमर ने लिखा, नहीं जानता कि आरुषि को किसने मारा और शायद कभी नहीं जान पाएंगे, लेकिन मैं ये जानता हूं कि पुलिस ने पूरी जांच को बिगाड़ कर रख दिया।
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, बगैर किसी संदेह के दोष साबित होने तक कानून सबको निर्दोष मानता है। दोषी साबित होने तक निर्दोष होना ही आपराधिक कानून की आधारशिला है।
गौरतलब है कि 9 साल 4 महीने और 26 दिन के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इसपर फैसला दिया है। पूरे देश को चौंकाने वाली मर्डर मिस्ट्री में हाईकोर्ट ने राजेश और नूपुर तलवार बरी कर दिया है। हाईकोर्ट के दो जजों की बैंच ने आरुषि के माता-पिता की अपील पर फैसला सुनाया है। डासना जेल में उम्रकैद की सज़ा काट रहे राजेश तलवार और नुपुर तलवार को संदेह का लाभ मिला।
हाईकोर्ट का फैसला सुनकर राजेश और नूपुर तलवार रो पड़े और एक दूसरे को गले लगाया लिया। हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले में खामियां बताते हुए सभी 26 वजहों को खारिज कर दिया। सीबीआई की अदालत ने राजेश और नुपुर तलवार को आरूषि-हेमराज मर्डर केस में दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सज़ा सुनाई थी
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