भुवनेश्वर: ओडिशा में कोविड-19 के डेल्टा प्लस वेरिएंट का पहला मामला देवगढ़ जिले में शुक्रवार को सामने आया। इससे एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने लोगों को कोरोना वायरस को लेकर सुरक्षा उपायों में ढील नहीं बरतने के लिए आगाह किया था। राज्य के चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण निदेशालय (डीएमईटी) के प्रमुख प्रोफेसर सी बी के मोहंती ने कहा कि राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) ने ओडिशा सरकार को देवगढ़ जिले में कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट मामला सामने आने को लेकर सूचित किया है।
प्रोफेसर मोहंती ने कहा, 'हम कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए मरीज और उसके संपर्क में आए लोगों का पता लगाकर उन्हें पृथक करेंगे।' प्रोफेसर मोहंती ने कहा कि कोवैक्सीन और कोविशील्ड दोनों ही वैक्सीन वायरस के इस वेरिएंट के खिलाफ भी उतने ही असरदार हैं जितना कि वायरस के अन्य वेरिएंट्स के खिलाफ।
कोरोना वायरस के इस वेरिएंट को बेहद संक्रामक माना जा रहा है जोकि चिंता का एक विषय है। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बृहस्पतिवार को एक ऑनलाइन बैठक को संबोधित करते हुए संक्रमण की दूसरी लहर में कमी के बावजूद लोगों से कोविड-19 संबंधी दिशा-निर्देशों के पालन में ढिलाई नहीं बरतने की अपील की थी। देश में अब तक डेल्टा प्लस वेरिएंट के 45 मामले सामने आ चुके हैं।
वहीं आज राज्य में कोविड-19 के 2,912 नए मामले सामने आए हैं, जिसके साथ ही कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 8,93,508 हो गई। वहीं 40 और लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 3,801 हो गई। इस अवधि में 3,486 मरीजों के संक्रमण मुक्त होने के बाद, स्वस्थ हुए लोगों की कुल संख्या बढ़कर 8,56,498 हो गई।
एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि पिछले चार दिन में दूसरी बार ऐसा हुआ है जब संक्रमण के नए मामले 3,000 से कम सामने आए हैं। राज्य में अब 33,156 मरीजों का इलाज चल रहा है। नए मामलों में से 1,675 मामले पृथकवास केंद्र और 1,237 संपर्क तलाश के दौरान सामने आए हैं।
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