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Hindi News भारत राष्ट्रीय सुप्रीम कोर्ट में तीन नए जजों ने ली शपथ, कुल जजों की संख्या 25 हुई

सुप्रीम कोर्ट में तीन नए जजों ने ली शपथ, कुल जजों की संख्या 25 हुई

सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों को आज शपथ दिलाई गई। सेक्रेटरी जनरल ने पहले राष्ट्रपति का आदेश पढ़ा उसके बाद सबसे पहले चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने जस्टिस इंदिरा बनर्जी को शपथ दिलाई। उसके बाद जस्टिस विनीत शरण को शपथ दिलाई गई और आखिर में जस्टिस केएम जोसेफ ने शपथ ली।

आज तीसरे नंबर पर ही शपथ लेंगे जस्टिस जोसफ, सरकार ने खारिज की आपत्तियां- India TV Hindi आज तीसरे नंबर पर ही शपथ लेंगे जस्टिस जोसफ, सरकार ने खारिज की आपत्तियां

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों को आज शपथ दिलाई गई। सेक्रेटरी जनरल ने पहले राष्ट्रपति का आदेश पढ़ा उसके बाद सबसे पहले चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने जस्टिस इंदिरा बनर्जी को शपथ दिलाई। उसके बाद जस्टिस विनीत शरण को शपथ दिलाई गई और आखिर में जस्टिस केएम जोसेफ ने शपथ ली। इन तीनों के शपथ के बाद सुप्रीम कोर्ट कुल जजों की संख्या 25 हो गई है। इससे पहले जजों की सीनियरिटी पर विवाद शुरू हो गया था। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक चीफ जस्टिस ने जजों के शपथ के बाद इस मसले पर विचार का भरोसा दिया है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति के लिए जिन तीन जजों की सूची जारी की उसमें पहला नाम मद्रास हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस इंदिरा बनर्जी। दूसरा नाम उड़ीसा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विनीत शरण और तीसरा नाम उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जोसेफ का रखा गया है। जस्टिस जोसेफ को सीनियरिटी में तीसरे नंबर पर रखे जाने पर कुछ वकीलों, जजों और विपक्ष ने सवाल उठा दिए हैं।

न्यूज़ एजेंसी PTI के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के कुछ जजों ने कल चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा से मुलाकात कर अपना विरोध दर्ज कराया और सूत्रों के मुताबिक चीफ जस्टिस ने कहा कि ये मामला शपथ के बाद देखा जाएगा। शपथ के क्रम पर सवाल उठाने वालों का आरोप है कि जस्टिस जोसेफ शपथ लेने वाले बाकी दो जजों से सीनियर हैं क्योंकि वो उन दोनों से पहले हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बन गए थे लेकिन नियमों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में सीनियोरिटी तय करने के लिए हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस बनने की तारीख पैमाना नहीं होती है।

सीनियोरिटी के लिए हाईकोर्ट में जज की नियुक्ति की तारीख अहम होती है, यही वजह है कि हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को सुप्रीम कोर्ट में चुना जाए ये जरूरी नहीं होता। जस्टिस दीपक मिश्रा 17 जनवरी 1996 को हाईकोर्ट के जज बने थे, जस्टिस चेलमेश्वर 23 जून 1997 को हाईकोर्ट के जज बने और 3 मई 2007 को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस। वहीं जस्टिस दीपक मिश्रा 23 दिसंबर 2009 को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने थे। इन दोनों को सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट जजों की ऑल इंडिया सीनियोरिटी के हिसाब से शपथ दिलाई गई।

पहले जस्टिस दीपक मिश्रा ने शपथ ली, बाद में जस्टिस चेलमेश्वर को शपथ दिलाई गई क्योंकि ऑल इंडिया सीनियोरिटी के हिसाब से दीपक मिश्रा सीनियर थे। सरकार ने भी तीन जजों के शपथ का क्रम तय करते वक्त वहीं मानक अपनाया जो पहले अपनाया जाता रहा है। यानी हाईकोर्ट की ऑल इंडिया सीनियोरिटी को आधार बनाया गया और तीनों जजों के हाईकोर्ट के जज बनने की तारीख के आधार पर सीनियोरिटी तय की गई। हाईकोर्ट जजों की ऑल इंडिया सीनियोरिटी में जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस विनीत शरण से ढाई साल जूनियर हैं जस्टिस जोसेफ।

सरकार पर एक आरोप ये भी लगा कि वो जस्टिस जोसेफ को तीसरे नंबर पर इसलिए शपथ दिलवा रही है ताकि जस्टिस जोसेफ चीफ जस्टिस ना बन सकें लेकिन सच्चाई ये है कि आज शपथ लेने वाले तीन जजों में से कोई भी चीफ जस्टिस के पद पर नहीं पहुंच पाएगा क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डी वाई चंद्रचूड इन तीनों से सीनियर हैं। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड नवंबर 2024 में रिटायर होंगे वहीं जस्टिस के एम जोसेफ 16 जून 2023 को रिटायर हो जाएंगे।

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