नई दिल्ली: प्रदूषण स्तर में वृद्धि को लेकर बढ़ती चिंताओं और खराब यातायात स्थिति के बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रजिस्टर्ड वाहनों की संख्या एक करोड़ के पार हो गई है। दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पंजीकृत वाहनों की संख्या 25 मई तक 1,05,67,712 पहुंच गई है। शहर में 31,72,842 पंजीकृत कारें हैं। शहर में पंजीकृत मोटरसाइकिल और स्कूटर की संख्या 66,48,730 है। ये वाहन खराब उत्सर्जन मानकों के चलते बड़े वायु प्रदूषक हैं।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आंकड़ों के अनुसार अन्य बड़े पंजीकृत वाहनों में माल वाहक (2,25,438), मोटर कैब (1,18,424), मोपेड (1,16,092), यात्री तीन पहिया (1,06,082) माल वाहक तीन पहिया (68,692), बस (35,332), ई-रिक्शा (31,555) और मैक्सी कैब (30,207) हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वाहन से होने वाला प्रदूषण वायु प्रदूषण का बड़ा कारक है। दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण पर चिंता जताते हुए राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने 26 नवंबर 2014 को राजधानी में 15 साल से ज्यादा पुरानी निजी कारें, बाइक, व्यावसायिक वाहनों, बसें और ट्रकों के चलने पर पाबंदी लगा दी थी।
EPCA (पर्यावरण प्रदूषण - रोकथाम और नियंत्रण) के हालिया ऑडिट अध्ययन के मुताबिक दिल्ली में लाखों वाहन अनिवार्य प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफिकेट के बिना ही चल रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, इस तरह का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन लाखों लोगों के स्वास्थ्य के लिए संभावित रूप से खतरा है। इससे शहर के उन करीब 970 केंद्रों पर भी सवाल उठता है जिन्हें शहर के करीब 70 लाख वाहनों के उत्सर्जन तत्वों की जांच के लिए प्रमाणपत्र दिया गया है।
Latest India News