गुवाहाटी: नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ तीन लोगों ने शुक्रवार को यहां सचिवालय के पास नग्न प्रदर्शन किया। पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को सुरक्षा कर्मियों ने तत्काल वहां से हटा दिया। लोकसभा में 8 जनवरी को नागरिकता विधेयक के पारित होने के बाद से इस विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र में फैल गया है।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि वहां मौजूद सुरक्षा कर्मी उस वक्त हैरान रह गए जब प्रदर्शनकारी सचिवालय के पास कार में से उतरे और निर्वस्त्र हो गए। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनेवाल और वित्त मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के खिलाफ नारेबाजी भी की। अधिकारी ने बताया कि पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को कंबल से ढका और उन्हें हिरासत में ले लिया। इसके बाद उन्हें उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र से बाहर ले गए।
उन्होंने बताया, ‘‘प्रदर्शनकारियों को सचिवालय परिसर में घुसने से रोकने के लिए कुछ देर तक सचिवालय के मुख्य द्वार को बंद कर दिया गया था। इसके अलावा इलाके में सुरक्षा के बंदोबस्त कड़े कर दिए गए हैं।’’ पुलिस उपायुक्त अमनजीत कौर ने पत्रकारों को बताया कि सभी तीन प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और ऐसी घटनाओं को फिर से होने से रोकने के लिए जरूरी उपाय किए गए हैं।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि दिल्ली (केंद्र) तथा राज्य की भाजपा सरकारें असम के लोगों से उनकी पहचान, संस्कृति और भाषा को छीनने की कोशिश कर रही है। इसके खिलाफ सांकेतिक तौर पर निर्वस्त्र होकर प्रदर्शन किया गया है।
विधेयक में पाकिस्तान, अफगानिस्तान व बांग्लादेश के छह गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक समूहों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने की कोशिश की गई है। पूर्वोत्तर में यह डर है कि अगर ऐसा होता है तो 'बाहरी लोग' के लोगों के कारण क्षेत्र के स्थानीय लोगों को नुकसान होगा। राष्ट्रीय राजधानी में संसद के समक्ष बीते महीने भी असम के 10 युवकों ने नग्न प्रदर्शन किया था।
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