नई दिल्ली: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल कश्मीर के लिए रवाना हो गए हैं। वह व्यक्तिगत तौर पर वहां पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेंगे। उनके वहां पहुंचने से पहले दस हजार सुरक्षा जवानों को और वहां भेजा गया है। जवानों की तत्काल तैनाती के लिए उन्हें हवाई रास्ते से जम्मू-कश्मीर ले जाया गया है।
बता दें कि आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में हलचल तेज हो गई है। जम्मू-कश्मीर में कड़े इंतजाम किए गए हैं। मौजूदा समय में अर्धसैनिक बलों के करीब एक लाख जवान मोर्चा संभाले हुए हैं। श्रीनगर और जम्मू में धारा 144 लागू हो चुकी है। दोनों शहरों में मोबाइल, इंटरनेट सेवा भी बंद है। यह पहला मौका है जब घाटी में मोबाइल, इंटरनेट सेवाओं के साथ लैंडलाइन सर्विस को भी बंद कर दिया गया है। करगिल युद्ध के दौरान भी लैंडलाइन सर्विस को नहीं बंद किया गया था।
गौरतलब है कि अजीत डोभाल जुलाई के अंतिम सप्ताह में भी कश्मीर पहुंचे थे। डोभाल चुपके से 20 जुलाई को घाटी के दौरे पर श्रीनगर पहुंचे थे। वहां उन्होंने सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के टॉप अफसरों के साथ अलग-अलग बैठकें की थीं। इनमें राज्यपाल के सलाहकार के. विजय कुमार, मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यन, डीजीपी दिलबाग सिंह, आईजी एसपी पाणि जैसे लोग शामिल थे। कश्मीर दौरे पर दिल्ली से आईबी के आला अधिकारियों की टीम भी एनएसए के साथ थी।
उनके कश्मीर दौरे से लौटते ही वहां 10 हजार अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजने का फैसला हुआ था। तब केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया था कि अतिरिक्त केंद्रीय बलों की तैनाती से कश्मीर में आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त करने का अभियान मजबूत होगा। साथ ही, राज्य में कानून-व्यवस्था को चाक-चौबंद बनाए रखने में मदद मिलेगी।
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