नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'जेम्स बॉन्ड'.देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और जासूसों के जासूस अजीत डोवल की जासूसी की खबर से खलबली मच गई है। आरोप है कि सीबीआई ने NSA अजीत डोवल और रॉ के एक बड़े अधिकारी का फोन टैप किया। ये खुलासा उस याचिका से हुआ जिसे एक वकील दिल्ली हाईकोर्ट में दायर करते हुए डोवल के फोन टैपिंग की जांच की मांग की है।
मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर हुई जिसमें आरोप लगा कि NSA यानी नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजित डोवल का फोन बिना इजाजत टैप किया गया..और ये सब हुआ पूर्व सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा के कार्यकाल के दौरान।
याचिका दायर करने वाले सार्थक चतुर्वेदी ने अपनी याचिका का आधार सीबीआई के पूर्व डीआईजी मनोज सिन्हा के उस एफिडेविट को बनाया जो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपने ट्रांसफर के खिलाफ दिया था। जिसमें उन्होंने एनएसए अजित डोवल और रॉ के बड़े अफसर का फोन टैप करने का खुलासा किया था...आरोप है कि सीबीआई की फोन टैपिंग और टेक्निकल सर्विलांस हैंडल करने वाली स्पेशल यूनिट को NSA अजीत डोवल और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के बीच बातचीत की जानकारी थी। आरोप है कि सीबीआई के कुछ बड़े अफसरों ने अपने पद का दुरुपयोग कर देश के बड़े-बड़े अफसरों का फोन बिना इजाजत टैप करके उनकी सिक्योरिटी से खिलवाड़ किया है।
इन सनसनीखेज आरोपों की जांच के लिए दिल्ली हाईकोर्ट से SIT बनाने की मांग की गई है साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार और सीबीआई से जवाब भी मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 26 मार्च को होगी और उसी के बाद तय होगा कि अजित डोवल के फोन टैपिंग की जांच होगी या नहीं।
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