नई दिल्ली: प्रवासी भारतीय पुरुषों के लिए शादी के 30 दिन के भीतर विवाह के पंजीकरण को अनिवार्य बनाने के लिए लाए गए एक विधेयक को संसद की विदेश मंत्रालय की स्थाई समिति के पास भेज दिया गया है। ‘प्रवासी भारतीय विवाह पंजीकरण विधेयक, 2019’ में पासपोर्ट अधिकारियों को यह शक्ति दी गई है कि अगर कोई NRI अपनी शादी के 30 दिनों के भीतर विवाह का पंजीकरण कराने में असफल रहता है तो उसके पासपोर्ट या यात्रा दस्तावेज को जब्त या रद्द किया जा सकता है।
लोकसभा सचिवालय ने एक बुलेटिन में बताया, “सदस्यों को सूचित किया जाता है कि लोकसभा अध्यक्ष ने राज्यसभा सभापति के साथ सलाह-मशविरा करने के बाद प्रवासी भारतीय विवाह पंजीकरण विधेयक, 2019, जिसे राज्यसभा में पेश किया जा चुका है, उसे विचार और दो माह के भीतर रिपोर्ट देने के लिए विदेश मंत्रालय की स्थाई समिति के पास भेज दिया गया है।”
भारतीय महिलाओं के प्रवासी भारतीयों के साथ विवाह में धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर राज्यसभा में यह विधेयक इस साल फरवरी में लाया गया था, जिसमें ऐसी शादियों का पंजीकरण 30 दिन के भीतर कराना अनिवार्य है। अगर NRI पुरुष तय समय के दौरान शादी का पंजीकरण नहीं कराता है, तो उसके पासपोर्ट को जब्त या रद्द किया जा सकता है।
इसके अलावा, यह अदालतों को अधिकार देता है कि ‘घोषित अपराधियों’ या जो लोग वारंट जारी होने के बावजूद अदालत में हाजिर नहीं होते हैं, उनकी संपत्तियों को कुर्क किया जा सकता है। इस विधेयक के अनुसार प्रस्तावित कानून भारतीय महिलाओं के साथ भारत के भीतर या बाहर शादी करने वाले NRI पुरुषों पर लागू होगा।
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