नयी दिल्ली: माकपा ने शनिवार को कहा कि असम में एनआरसी से 19 लाख से अधिक लोगों को बाहर किए जाने से वैध नागरिकों को इसमें शामिल ना किए जाने की आशंका बढ़ गयी है। वामदल के पोलितब्यूरो ने एक बयान में कहा कि अब यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि देश के सभी वास्तविक नागरिक इसमें शामिल किए जाए। बयान में कहा गया है, ‘‘असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी की अंतिम सूची के प्रकाशन में 19.06 लाख लोगों को इस सूची से बाहर कर दिया गया है। इतनी बड़ी संख्या में लोगों को बाहर किए जाने से यह डर पैदा हो गया है कि बड़ी संख्या में भारतीय नागरिकों को इस सूची से बाहर कर दिया गया है।’’
उसने उन कदमों को भी सूचीबद्ध किया जो यह सुनिश्चित करने के लिए उठाए जाने चाहिए कि कोई वैध नागरिक इससे छूट ना जाए। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने कहा, ‘‘चूंकि उनकी अपीलों को सुना गया और प्रक्रिया पूरी हो गई तो मौजूदा अधिकारों और सुविधाओं के संबंध में यथास्थिति बरकरार रखी जानी चाहिए। असम में इस मामले पर चर्चा करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जानी चाहिए।’’ उसने कहा कि अधिकरणों द्वारा विदेशी घोषित लोगों को हिरासत शिविरों में भेजने की मौजूदा व्यवस्था बंद होनी चाहिए क्योंकि यह ‘‘मौलिक मानवाधिकारों का उल्लंघन’’ है।
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